कब लेनी है दवा, एसएमएस से मिलेगी जानकारी
संस., लखीसराय : गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को कौन दवा कब लेनी है, इस झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। अस्पताल या नर्सो से इलाजरत महिलाओं एवं शिशुओं के परिजनों को समय पर दवा लेने की जानकारी देने की पहल स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है। इसके तहत मरीजों को समय पर दवा लेने की जानकारी एसएमएस से दी जाएगी। इसके लिए प्रसव के बाद नवजात शिशु के परिजन एवं इलाज कराने वाली गर्भवती महिलाओं का मोबाइल नंबर रजिस्टर पर दर्ज किया जाएगा। इन नंबरों को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। जिस दिन जो दवा या इंजेक्शन लेनी है उसकी जानकारी मरीज के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। बताया जाता है कि जानकारी के अभाव में समय पर दवा नहीं लिए जाने के कारण गर्भवती महिला एवं शिशु के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अनस्ट्रक्चर सप्लिमेन्ट्री सर्विस डाटा के तहत स्वास्थ्य विभाग ने यह कार्यक्रम जिले में मंगलवार से शुरू कर दी है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
एसएमएस से दवाओं की मिलेगी जानकारी
अस्पताल या गांव में नर्सो से इलाज कराने वाली गर्भवती महिला एवं शिशु को इसकी सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गर्भवती महिला को प्रसव पूर्व चार एंटीनेटल चेकअप कराना है। तीन, छह, सात एवं आठ माह में जांच एवं दो बार टेटनस की सुई पड़ती है। साथ ही तीन माह बाद आयरन की 100 टेबलेट बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खानी पड़ती है। वहीं शिशु को प्रसव के तुरंत बाद एवं डेढ़ माह, ढाई माह तथा नौ माह पर बीपीटी, वीसीभी, पोलियो आदि का टीका लेना होता है। स्वस्थ जच्चा एवं बच्चा के लिए समय पर यह दवा लेना आवश्यक है। इन दवाओं के लेनी की जानकारी एसएमएस से मिलती रहेगी।
यूएसएसडी लागू करने का मिला प्रशिक्षण
जिला स्वास्थ्य समिति ने यूएसएसडी व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी को प्रशिक्षित किया है। आशा एवं एएनएम को इसकी जानकारी देने के साथ मंगलवार से इस कार्यक्रम को जिले में लागू कर दिया गया है। अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी का दायित्व होगा कि मोबाइल नंबर को मरीजों से लेकर वेबसाइट पर अपलोड करें।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक मो. खालीद हुसैन ने बताया कि स्वस्थ बच्चा के जन्म होने एवं शिशु स्वस्थ रहे इसके लिए विभाग के द्वारा यह पहल की जा रही है। मंगलवार से जिले में यह व्यवस्था लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को लागू करने का एक उद्देश्य शिशु मृत्यु दर पर रोक लगाना भी है।