कैसे होगा खेतों में पटवन, नलकूपों के कंठ सूखे
संसू., लखीसराय : राज्य में सूखे को लेकर सरकार गंभीर है। राज्य मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर इसकी लगातार समीक्षा भी की जा रही है। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की मानें तो जिले में करीब 50 फीसद रोपनी हो चुकी है। सूखे की फिलहाल संभावना नहीं है लेकिन एक हकीकत यह भी है कि खेतों में पटवन के लिए जो सरकारी इंतजाम है वह नकारा है। जिले के सरकारी नलकूपों में मात्र 17 नलकूप चालू रहने का दावा प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक वर्ष सूखे की आहट के समय बंद नलकूपों को चालू करने की घोषणा व समीक्षा तेज हो जाती है। लेकिन दशकों से बीमार राजकीय नलकूपों का अबतक स्थायी इलाज नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार जिले में नलकूपों की संख्या 100 है। जिसमें 13 चालू है तथा 87 नलकूप बंद है। जबकि नाबार्ड फेज-11 के कुल 17 नलकूप जिले में हैं जिसमें चार चालू हैं तथा 13 खराब। वहीं नाबार्ड फेज-8 के तहत जिले में 34 नलकूपों में एक चालू जबकि 33 नलकूप बंद है। बिजली के अभाव में भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कई नलकूप बंद हैं। जानकारी के अनुसार जिले के पतनेर एवं कछियाना स्थित नलकूप पर मात्र दो फेज का लाइन मिल रहा है। सिंगारपुर, मुस्तफापुर, अलीनगर स्थित सरकारी नलकूप का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार पुराने 100 राजकीय नलकूपों में संयुक्त दोष के कारण 49, यांत्रिक दोष के कारण दो, विद्युत दोष के कारण 6 तथा ईंट पत्थर से क्षतिग्रस्त पंप हाउस रहने के कारण 30 नलकूप बंद हैं। जिले में 81 ऐसे सरकारी नलकूप हैं जिसे अपना ट्रांसफार्मर नहीं है। जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह द्वारा की गई समीक्षा के बाद सरकारी नलकूपों की स्थिति को सुधारने की दिशा में कार्रवाई करते हुए छोटे-मोटे दोष से बंद नलकूपों को 15 दिनों के भीतर चालू करने का आदेश कार्यपालक अभियंता विद्युत एवं नलकूप को दिया गया। साथ ही जिन नलकूपों को अपना ट्रांसफार्मर नहीं है उस संबंध में लघु जल संसाधन विभाग, पटना को रिपोर्ट भेजने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। बावजूद स्थिति सुधरने की गुंजाइश नहीं दिख रही है।