शहर के ढाबे व होटल भी बना है मयखाना
संवाद सहयोगी, लखीसराय : उत्पाद विभाग लखीसराय की नाकामी कहें या लापरवाही, शहर के अधिकांश ढाबे एवं होटल में शराब पिलाने की व्यवस्था है। मानें तो इन ढाबे और और होटलों शराब पीने वालों की भीड़ लगी रहती है। यहां खाने के साथ पानी मिले या ना मिले शराब जरूर मिल जाती है। जबकि विभागीय आदेश में एकमात्र बियर बार लाइसेंस की दुकान शहर में संचालित है। विभाग से अधिकृत जिले में कहीं भी इस तरह की दूसरी दुकान नहीं है। जिला मुख्यालय की बात करें तो विद्यापीठ चौक से लेकर जमुई मोड़ तक के दर्जनों होटल व ढाबा पूरी तरह मयखाना बना हुआ है। शहर के एक-दो रेस्टोरेंट को छोड़ दें तो ऐसा कोई होटल नहीं है जहां चिकेन, मीट, मछली के साथ देसी व विदेशी शराब नहीं परोसी जाती है। इन होटलों में परिवार के साथ भोजन करने से हर कोई परहेज करते हैं। आरटीआई के तहत विभाग द्वारा दी गई सूचना के अनुसार जिले में एक मात्र लाइसेंसी बियर बार की दुकान स्टेशन के पास है। बावजूद जमुई मोड़, स्टेशन के पास, बाजार समिति, पुरानी बाजार, पचना रोड, कबैया रोड, थाना चौक, विद्यापीठ चौक सहित अन्य क्षेत्रों में छोटे-बड़े होटल या चाय-नाश्ते की दुकानों में बेरोकटोक शराब परोसी जाती है। इसके अलावे सूर्यगढ़ा बाजार स्थित कई नाश्ते व भोजनालय में मनपसंद भोजन के साथ बियर व व्हीस्की की बोतलें परोसी जाती है। इन प्रतिबंधित गैर लाइसेंसी होटलों में खुलेआम शराब पीने व पिलाने वालों पर उत्पाद विभाग की नजर नहीं जाती है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार विगत दो वर्षो में अवैध शराब बिक्री एवं अवैध दुकानों के विरूद्ध करीब सौ स्थानों पर विभाग ने छापेमारी की। विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 में पकड़े गए अभियोग से 5 लाख 59 हजार 300 रुपए तथा 2012-13 में 10 लाख 9 हजार 100 रुपए, वित्तीय वर्ष 2013-14 में भी 7 लाख से अधिक की वसूली की गई। मिली जानकारी के अनुसार लखीसराय जिले में हाल के वर्षो में शराब पीने वाले की तादाद बढ़ी है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 10 करोड़ से अधिक की राशि का शराब लोग पी जाते हैं। उत्पाद विभाग के पदाधिकारी की मानें तो गैर लाइसेंसी दुकानों एवं अन्य स्थानों पर शराब बिक्री के खिलाफ अभियान समय-समय पर चलाया जाता है। इसे और गति के साथ चलाया जाएगा।