हिन्दी भाषा से ही राष्ट्र का विकास संभव: योग गुरू रवि
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कैप्शन-संबोधित करते अंजार आलम, संबोधित करते योग गुरू रवि राज, उपस्थित छात्राएं, संबोधित करते डा. शाकिर अली।
एक संवाददाता, किशनगंज : भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है। यहां के विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। अफसोस की बात यह है कि आजादी के 64 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश में हिन्दी को प्रधानता नही मिली। महात्मा गांधी न कहा था कि कोई भी राष्ट्र जब तक अपनी राष्ट्र भाषा को प्रधानता नही देगा। तब तक वहां का आर्थिक विकास सुदृढ़ नही हो सकता। उक्त बातें जय भारत योग सेवा ट्रस्ट के योग गुरू रवि राज ने शुक्रवार को कबीर चौक स्थित आश्रम में उपस्थित लोगों और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसे कई महापुरूषों ने हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने पर पूरा जोर दिया। लेकिन कुछ क्षेत्रीय राजनीति करने वाले नेताओं के कारण आज तक हिन्दी को राष्ट्र भाषा नही बनाया जा सका। विकसित देश जर्मनी, जापान और फ्रांस आपने राष्ट्र भाषा के बल पर आज विकास के उच्च शिखर पर पहुंच गए हैं। वहीं भारत में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार हिन्दी के प्रचार और प्रसार के लिए करोड़ों रुपये डकार रही है। लेकिन हिन्दी भाषा आज भी वहीं खड़ी है जहां वर्ष 1947 में थी। स्वतंत्रता संग्राम के समय में जब महात्मा गांधी, बाल गांगाधर तिलक जैसे अनेकों नेता अपने देश व्यापी दौरे में हिन्दी भाषा का उपयोग करते थे। जिसका प्रभाव संपूर्ण जनमानस पर पड़ता था। आज बच्चों को शेक्सपियर और मिल्टन की किताबें तो पढ़ाई जा रही है। लेकिन प्रेमचंद और दिनकर की किताबों की उपेक्षा की जा रही है।
मिल्ली एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले भी हिन्दी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर शुक्रवार को संस्था के अध्यक्ष अंजार आलम ने बताया कि जिस तरह आज हिन्दी भाषा का महत्व कम होता जा रहा है। उसे हम सब को मिलकर आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से नईमुल आजम, सीईएचओ रेहान, नरूल कुमार, मुनमुन कुमारी, शारेका खातून, प्रियंका कुमारी, लुबना एरम, नौशाद आलम, शबीब आलम, शहनावाज अख्तर, गुलाम याशीन, मुन्नी कुमारी, सारिका कुमारी,राजेश कुमार और अमित कुमार मौजूद थे।
इंसान कॉलेज में भी हिन्दी दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस दिवस पर इंसान कॉलेज की छात्रा चंद्र दास ने कही कि आज हिन्दी विश्व में दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। फिर भी यह भाषा अपने हक के लिए तरस रही है। हिन्दी भाषा भारत की अस्मिता से जुड़ा है। वहां उपस्थित प्रोफेसर सजल प्रसाद साहा, राम बालक प्रसाद , कमल नारायण झा सहित अनेकों लोगों ने हिन्दी के महत्व का विवरण प्रस्तुत किया। इनमें मुख्य रूप से पदमश्री डा. सैयद सहन, उपनिदेशक मजाहिरूल हसन, प्रधानाचार्य डिग्री कॉलेज डा. शाकिर अली सहित बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित थे।
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