डीएम साहब दीजिए ध्यान, किसानों का कीजिए कल्याण
किशनगंज। भारत-नेपाल सीमा पथ निर्माण के लिए अर्जित भूमि की मुआवजा राशि का खुलासा संबंधित विभाग द्वारा
किशनगंज। भारत-नेपाल सीमा पथ निर्माण के लिए अर्जित भूमि की मुआवजा राशि का खुलासा संबंधित विभाग द्वारा अब तक ना किये जाने से लोगों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है। लोगों का आरोप है कि मुआवजा वितरण के अधिकृत पदाधिकारी मनमाने ढंग से मुआवजे की रकम को सादे बांड पेपर पर हस्ताक्षर कराते हुए बैंक खाता में देने की बात कह रहे हैं। पूछने पर अधिकारी स्पष्ट कहते हैं कि जमीन की कीमत जाननी हो तो जिला भू अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर देख लें। ऐसे में यहां के लोगों ने डीएम से मांग की है कि प्रखंड के माध्यम से मुआवजे की रकम किस्म के अनुसार प्रकाशित करने की व्यवस्था करें। जिससे कि जमीन देने वाले किसानों को गड़बड़झाला का शिकार ना होना पड़े।
बताया जाता है कि सड़क निर्माण संगठन भूमि के मुआवजे की रकम एक ही तरह से दे रही है। जबकि अगर भूमि के प्रकार पर नजर डाली जाए तो खतियान के मुताबिक धनहर-1, धनहर -2, परती, मीठा व आवास पेड़ पौधों का किस्म अलग कर मुआवजे की रकम के भुगतान का प्रावधान है। लेकिन इसके विपरीत केवल खेसरा को देखते हुए रेट निर्धारण किए जाने से लोगों में रोष व्याप्त है। भूमि दाताओं में मोहन ¨सह, निजामउद्दीन , कालू, जहुर आलम, जरजीश, पंचानन्द ¨सह, शिव शंकर चौधरी, शशि साह, सुन्दर साह सहित अन्य ने कहा कि अगर भूमि मुआवजे की राशि सूची सार्वजनिक की जाय तो भूमि दाताओं को सहुलियत होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हम बहिष्कार करने को बाध्य हो जाएंगे। भूमि दाताओं ने मामले को लेकर आंदोलन का रूख अख्तियार करने की धमकी भी दी है।