लौचा घाट पर नए नाव का निर्माण कार्य प्रारंभ
किशनगंज : बहादुरगंज प्रखंड के लौचा हाट में कुशल कारीगरों द्वारा नए नाव का निर्माण कराए जाना शुरु हो
किशनगंज : बहादुरगंज प्रखंड के लौचा हाट में कुशल कारीगरों द्वारा नए नाव का निर्माण कराए जाना शुरु हो गया है। कनकई नदी को पार करने के लिए बरसात के दिनों में नए नाव का उपयोग किया जाएगा। वहीं लौचा घाट पर पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। लेकिन पुल के निर्माण कार्य पूर्ण होने में दो वर्ष से ज्यादा समय लगने की संभावना है। ऐसे में लौचा घाट पर नाव के सहारे ही लोग नदी पार करने पर विवश होंगे। जिसे लेकर लौचा घाट के ठेकेदार रुस्तम अली ने नए नाव का निर्माण प्रारंभ करा दिया। ताकि लोगों को सुरक्षित नदी पाकर कराया जा सके।
प्रतिवर्ष होता है नए नाव का निर्माण : घाट ठेकेदार रुस्तम अली बताते है कि पुराने नाव का भीतरी सतह जल के संपर्क में रहकर एक वर्ष बाद पानी के लहरों को झेलने के लायक नहीं रहता है। जान माल के नुकसान व किसी अनहोनी की आशंका से प्रत्येक वर्ष नए नाव का निर्माण कर उपयोग में लाने को विवश होना पडता है।
बायसी के कुशल कारीगर कर रहे है निर्माण :
सीमांचल में नाव निर्माण करने के कुशल कारीगर बायसी( पूर्णिया) में बसे है। नाव निर्माण हेतु उन्हें स्थल पर लाया गया है। बायसी के कारीगर लाल बाबू, विनोद, गणेश, मिठन सहित कुल 7 कारीगर इस काम में जुट है। एक नाव के निर्माण में 52 हजार की राशि उन्हें मजदूरी स्वरुप मिलती है।
जामुन व सखुआ की लकड़ी का प्रयोग:
नाव के निर्माण में जामुन व सखुआ की लकड़ी सर्वोत्तम मानी जाती है। क्योंकि पानी में अधिक दिनों तक रखने के बाद भी लकड़ी जल्द खराब नहीं होती है।
एक नाव में लागत दो लाख :
40 फीट लंबा एवं 21 फीट चौड़ा एक नाव के निर्माण में करीब दो लाख रुपये की लागत होती है। मजदूरी सहित अन्य खर्च को जोड़ने पर राशि बढ़ सकती है। घाट ठेकेदार द्वारा प्रतिवर्ष इतनी राशि खर्च कर नाव का निर्माण कराए जाते है। इसके बाद बरसात के दिनों में नाव का परिचालन किया जाता है।