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दस वर्षो से लोग कर रहे ध्वस्त पुल के बनने का इंतजार

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 07:54 PM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 07:54 PM (IST)
दस वर्षो से लोग कर रहे ध्वस्त पुल के बनने का इंतजार

संवाद सूत्र, टेढ़ागाछ (किशनगंज) :

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प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी दक्षिण स्थित लोधाबाड़ी स्क्रूपायल पुल 2001 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेतु के नाम से उद्घाटन किया गया था। जिसे सांसद कोष से निर्माण किया गया था। जिसके निर्माण से करीब तीन लाख की आबादी सहित पांच प्रखंड टेढ़ागाछद्व दिघलबैंक, कोचाधामन, सिकटी, पलासी आदि क्षेत्र के लोगों को आवागमन की सुविधा मिली व रेतुआ नदी पर आवागमन सुविधा बहाल हुई। लेकिन वर्ष 2003 में आई बाढ़ से पुल का एप्रोच टूट गया व पुल व सड़क का संपर्क भंग होने से लोगों के सामने भारी समस्या उत्पन्न हो गई। जबकि यह पुल झाला से निसंदरा तक जाने वाली 28 किमी लंबी प्रधानमंत्री सड़क को जोड़ती है। पुल के दोनों ओर सड़क बनकर तैयार है। पुल ध्वस्त होने के 10 साल हो गए लेकिन मरम्मत की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई। यह पुल तत्कालीन सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन के कार्यकाल में बना है। सबसे बड़ी समस्या है कि प्रतिवर्ष इससे पूरब बसे गांव बर्बाद हो रहा है व उपजाऊ भूमि को रेगिस्तान में तब्दील कर रहा है। विगत वर्ष आदिवासियों के आठ इंदिरा आवास सहित पंचायत भवन, एक कुआं नदी में विलीन हो गया। यह सिलसिला जारी है। अभी लोग चचरी पुल बना कर आवागमन करते है और बरसात में नाव ही एक सहारा है। सबसे बड़ी मुसीबत आसपास गांव के बसे किसानों को है जिसे अपनी मवेशी व जमीन की देखरेख करने के लिए नदी तैर कर रोज आना-जाना पड़ता है। अगर समय रहते पुल अथवा एप्रोच बन जाए तो गरीब किसानों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। उपजाऊ जमीन रेगिस्तान होने से बच सकती है। पुल बनने से लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा व समय की बचत होगी।


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