मुनिया बन गई अम्मा, नहीं मिली योजना की राशि
खगड़िया[अमित झा]। एक तरफ जहां सरकारी स्तर पर नई योजना लागू करने के साथ ही योजनाओं
खगड़िया[अमित झा]। एक तरफ जहां सरकारी स्तर पर नई योजना लागू करने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी उदासीनता के चलते लोगों को विभिन्न योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। योजनाओं का क्रियान्वयन में एक-दो माह नहीं बल्कि वर्षों पीछे चल रहा है। जिसका उदाहरण यहां मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना है।
गोगरी में आवंटन के अभाव में यह योजना दम तोड़ने के कगार पर है। हाल यह है कि विवाह बाद योजना के लिए आवेदन दिए गए और ऐसी बेटियां जब ससुराल या मायके में मां बनकर जननी बाल सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि तक प्राप्त कर चुकी है और उन्हें कन्या विवाह योजना की राशि के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। योजना के पिछड़ेपन का हाल यह है कि वर्तमान वर्ष की बात छोड़ दें, यहां 2013-14 के लाभुकों को भी योजना की राशि नहीं मिली है।
गोगरी प्रखंड और नगर पंचायत मिलाकर लगभग छह हजार, 133 लाभुक योजना राशि से वंचित हैं। योजना के तहत वर्ष 2013-14 में 1691 लाभुकों में 918 को आवंटन के अनुसार राशि उपलब्ध कराई जा सकी है। वर्तमान में 14 लाख, 25 हजार का आवंटन प्रखंड को मिला है। जिसमें वर्ष 2013-14 के मात्र 285 लाभुकों को ही योजना की राशि मुहैया कराई जा सकेगी। इस प्रकार वर्ष 2013-14 के 773 लाभुक राशि से वंचित रह जाएंगे। वहीं, आवंटन के अभाव में वर्ष 2014 के 1209, वर्ष 2015 के 1261, वर्ष 2016 के 1163 लाभुकों को योजना की राशि कब मिलेगी कहना मुश्किल है। इस वर्ष भी योजना के लाभ के लिए 809 आवेदन लाभुकों ने आरटीपीएस के माध्यम से दिए हैं।
सुनें आवेदिकाओं की व्यथा
नगर पंचायत के वार्ड आठ की शिम्पी कुमारी, राटन पंचायत के चांदपुर गांव की पूजा कुमारी, रामपुर की कविता कुमारी के साथ ही बन्नी की संगीता कुमारी तथा पकरैल की शोभा देवी कहतीं हैं कि शादी के बाद वे अपने ससुराल में अपने पति व बच्चों के साथ रह रही है। योजना की राशि के लिए ससुराल से आकर कार्यालय में पूछती हूं तो तीन साल से एक ही जवाब मिल रहा है, राशि नहीं आई है, आएगी तो मिल जाएगी।
पदाधिकारी की सुनें
प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार कहते हैं कि प्रखंड में योजना के तहत 14 लाख, 25 हजार रुपये का आवंटन आया है। अभी प्रभार लिए हैं। जल्दी ही आवंटित राशि को आवेदन क्रम के अनुसार लाभुकों के बीच वितरित की जाएगी। अगर और आवंटन मिला तो वे अगले क्रम के लाभुकों को आवंटन के अनुसार राशि वितरण कर सकेंगे।