सड़क सुविधा से वंचित पौरा व बलतारा के लोग
खगड़िया। वैसे तो गोगरी प्रखंड का सर्किल नंबर एक अभी भी बाढ़ प्रभावित इलाका माना जाता है। यहां के लोगो
खगड़िया। वैसे तो गोगरी प्रखंड का सर्किल नंबर एक अभी भी बाढ़ प्रभावित इलाका माना जाता है। यहां के लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं हो सकी है। आज भी सर्किल नंबर एक के कई गांव व पंचायत, अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय से सीधा नहीं जुड़ सके हैं। जिसका उदाहरण सर्किल नंबर एक का पौरा व बलतारा पंचायत है। यह एनएच 31 के उत्तर व एनएच 107 के पूरब सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर बीएन तटबंध के अंदर अवस्थित है। पौरा व बलतारा पंचायत एवं इसके आसपास के गांवों को आज तक एनएच 31 या एनएच 107 से नहीं जोड़ा जा सका। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा एवं अधिकारियों की उदासीनता के कारण सड़क की समस्या पौरा व बलतारा पंचायत के लोगों को काफी परेशान कर रहा है।
मुख्य मार्ग 107 के सोनवर्षा बाजार से सीधे बाध होकर पौरा व बलतारा पंचायत के अलावा आसपास के गाव की ओर जाती है। बीएन तटबंध के अंदर बसे होने के कारण यहां के लोगों का सुखाड़ में पगडंडी तो बरसात में नौका का ही सहारा होता है। यहा सूखे के समय में भी बाध पर वाहनों का चलना मुश्किल होता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाढ़ व बरसात के समय लोग गाव व पंचायत तक कैसे पहुंचते होंगे। इस कच्चे बाध में जगह-जगह बड़े-बड़े गढ्ढे उग आए हैं। जिस पर हमेशा धूल व बालू का साम्राज्य रहता है। इस सड़क पर चलने वाले दो पहिया व चार पहिया वाहन किस समय पलटी मार दे, कहना मुश्किल है। इस मार्ग पर सफर करने वाले लोग भगवान का नाम लेकर किसी तरह सूखे के समय में सफर कर लेते हैं पर बरसात के मौसम में बाध पर कीचड़, फिसलन हो जाने के कारण वाहन तो क्या पैदल भी लोगों का चलना मुश्किल होता है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
पौरा के ग्रामीण सुशील बिहारी ने बताया कि सड़क के प्रति शुरू से ही अधिकारी व जनप्रतिनिधि उदासीन रहे। जिस कारण पौरा के लोगों के समक्ष सड़क की समस्या बनी हुई है। बरसात के समय में जब गाव में किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उसका प्राण ऊपर वाले के हाथ में ही होता है।
ग्रामीण बबलू यादव ने बताया कि सड़क की समस्या के कारण लोगों का स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य सुविधाएं भी प्रभावित है। अगर सोनवर्षा से सतीशनगर तक बाध पर सड़क बन जाती है तो पौरा बलतारा सहित कई पंचायतों को लाभ मिलेगा।