बांध पर घर, चौबीस घंटे बना रहता है डर
खगड़िया। कोसी प्रत्येक साल कहर ढाती है। जब उफनती है, तो बाढ़ लाती है और शांत रहने पर कटाव करती है।
खगड़िया। कोसी प्रत्येक साल कहर ढाती है। जब उफनती है, तो बाढ़ लाती है और शांत रहने पर कटाव करती है। दोनों ही हालत में लोगों को विस्थापित होना पड़ता है। कोसी की त्रासदी कथा का जीवंत दस्तावेज है बेलदौर प्रखंड स्थित जमींदारी व गाइड बांध। जहां जगह-जगह इन विस्थापितों की झुग्गी-झोपडिय़ां खड़ी हैं। टाट के इन घरों में विस्थापितों की ¨जदगी भय के साये में गुजर रही है। कोसी की 'कृपा' से अपने चास-बास से 'बेदखल' सैकड़ों विस्थापित परिवारों को कभी बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारी बांध पर से भागने को कहते हैं, तो कभी स्थानीय दबंग भी धमकाते हैं। बांध पर अधिकांश जगहों में न तो विद्यालय है और न ही कोई अस्पताल।
' रहने को घर नहीं, सोने को बिस्तर नहीं, अपना तो खुदा है रखवाला'
बेलदौर प्रखंड के तेलिहार पंचायत स्थित जमींदारी व गाइड बांध पर तिरासी टोला, कामास्थान, आनंदी ¨सह बासा, गुल्टु मड़र बासा से लेकर बलैठा पंचायत के पचाठ ब्राह्मण टोला, मिस्त्री टोला आदि में बड़े पैमाने पर कोसी कटाव से विस्थापित परिवार रह रहे हैं। दिसंबर माह की कड़ाके की ठंड में पछुआ हवा सीधे विस्थापितों की झोपड़ियों में सांय-सांय प्रवेश करती है।
जरा इनकी सुनिए..
तेलिहार पंचायत के गाइड बांध पर शरण लिए नरेश चौधरी कहते हैं, चार बार विस्थापित हो चुका हूं। चौथी बार जब कोसी ने उजाड़ा, तो गाइड बांध के पास शरण लिया। अब तक हमलोगों को पुनर्वासित नहीं किया गया है। कुछ ऐसी ही बात सुमन चौधरी और भूमि चौधरी भी कहते हैं। जबकि तेलिहार पंचायत के पूर्व मुखिया डांगे ¨सह ने कहा कि, विस्थापितों का पुनर्वास अत्यंत आवश्यक है। उनकी माने तो वर्तमान में जहां तिरासी टोला के विस्थापित रह रहे हैं, वहां से प्राथमिक विद्यालय की दूरी आधा किलोमीटर है। वहीं इतमादी पंचायत स्थित पुरानी डीह के लगभग दो सौ कटाव पीड़ित स्वर्णपुरी गांव स्थित जमींदारी बांध के समीप कट्ठा-दो कट्ठा जमीन लेकर झोपड़ी बना रह रहे हैं।
कोट
'कटाव पीड़ित विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर राजस्व कर्मचारियों को भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। भूमि चिन्हित होने बाद पुनर्वास का काम होगा। '
अमरेंद्र कुमार सिन्हा, बीडीओ सह प्रभारी सीओ, बेलदौर
कोट
'पुनर्वास से संबंधित कई योजनाएं चल रही है। कटाव पीड़ितों को भी बसाना है। '
प्रियंका कुमारी, जिला राजस्व प्रभारी
कापी पढ़ी गई: निर्भय