विकास की रोशनी तलाश रहा कैंजरी पंचायत
खगड़िया। प्रखंड क्षेत्र के सुदरवर्ती कैंजरी पंचायत आज भी विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है। चुनावी मौसम
खगड़िया। प्रखंड क्षेत्र के सुदरवर्ती कैंजरी पंचायत आज भी विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है। चुनावी मौसम आते ही घर-घर दस्तक देकर नेता वादों की झड़ी लगा देते है लेकिन नेताजी का काम निकलने के बाद पंचायत के विकास की बात तो दूर दर्शन तक दुर्लभ हो जाता है। जिससे पंचायत की जनता अपने आप को ठगा महसूस करते हैं। एनएच 107 से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित कैंजरी तक पहुंचने के लिए कच्ची जमींदारी बांध है। बांध पर हल्की बारिश में जलजमाव हो जाता है।
बोले, कैंजरी गांव के मुखिया जगदीश पंडित
लगभग 15 हजार आबादी वाले कैंजरी पंचायत के ग्रामीणों के आवागमन का मुख्य साधन विष्णुपुर-कैंजरी जमींदारी बांध है। इस बांध पर एक ही बारिश में कीचड़ हो जाता है। वर्षा के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 4 माह बांध कीचड़ से पटा रहता है। पांव पैदल चलना भी खतरे को आमंत्रण देने के समान बन जाता है।
बोले, राजा कुमार
विकास का दावा कैंजरी में पूरी तरह फेल है। आवागमन, बिजली की सेवा अबतक बहाल नहीं हो पाने के कारण गांव का विकास अवरुद्ध है। लगभग 6 माह से बिजली का खंभा गांव में सड़क किनारे पड़ा हुआ है जिसे देखने वाला कोई नहीं है।
कहती है जुआ देवी
बाबू पक्की सड़क ले के बेर सांसद, विधायक से कहलियै। लेकिन कोय सुनैय बला नै छै। दो कोस पैदल चैल के पक्की सड़क मिलै छै। सड़क के कारण शादी-ब्याह में भी परेशानी हो जाय छै।
बोले, कैंजरी पंचायत के सरपंच सुरेश राम
पंचायत को मुख्य पथ से जोड़ने के लिए कई बार विधायक, सांसद के पास भी गुहार लगा चुके है। लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहा है। विधायक जी कहे थे कैंजरी गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए जमींदारी बांध के विष्णुपुर गांव से लेकर रमशेरा महादलित चौक तक लगभग दो किलोमीटर लंबी पथ मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से स्वीकृत हो चुका है। लेकिन सब हवा हवाई साबित हुआ।
गजेन्द्र यादव
आज तक जो कोई भी सांसद, विधायक बने, गांव वासी को छलने का काम किया है। 15 वर्ष के दौरान वर्तमान विधायक कैंजरी पंचायत में एक भी सड़क नहीं बनाए हैं। यह दीगर बात है कि इस बार आचार संहिता लगने से पूर्व गांव में एक पीसीसी सड़क का शिलान्यास कर पंचायत वासी को लॉली पोप दिखाने का काम किया है।
रूद्रदेव पंडित
कैंजरी गांव को काली कोसी नदी ने दो भागों मे विभक्त कर दिया है। इस नदी पर पुल बनाने का कई बार वादा किया गया लेकिन वादों पर अमल आज तक संभव नही हो पाया है।
सुवलेश यादव
उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन बनने से पूर्व ही खंडहर में तब्दील हो चुका है। निवर्तमान विधायक 15 साल से पंचायत वासी को सिर्फ आश्वासन ही देते रहे हैं।