थाना भवन में ग्रामीण, पुलिस बाहर
खगड़िया। खगड़िया का एक थाना ऐसा भी है जहां ग्रामीण थाना भवन में रहते हैं और पुलिस बाहर। सीमावर्ती इलाक
खगड़िया। खगड़िया का एक थाना ऐसा भी है जहां ग्रामीण थाना भवन में रहते हैं और पुलिस बाहर। सीमावर्ती इलाका में सक्रिय नक्सली व अपराधी गिरोहों पर लगाम कसने को लेकर स्थापित मोरकाही थाना की हालत वर्ष 1987 के प्रलयकारी बाढ़ में खराब हो गई। जान बचाने को लेकर पुलिस थाना से बाहर हो गई। तब से यह थाना उक्त थाना भवन से पांच किलोमीटर दूर माड़र स्थित पंचायत भवन से संचालित हो रहा है।
इस दौरान पुलिस भवन निर्माण द्वारा बीस लाख रुपए की लागत से नए भवन का निर्माण भी करा दिया गया। बावजूद हथियार लूटने के भय से उक्त भवन में थाना को शिफ्ट नहीं कराया जा सका। दुर्गम रास्ते होने के चलते भी पुलिस वहां जाने से हिचकती रही। परिणाम हुआ कि ग्रामीण अब उक्त थाना भवन का उपयोग कर रहे हैं।
कई एसपी कर चुके हैं निरीक्षण
दो दशक के दौरान जिला में पदस्थापित एक दर्जन से अधिक एसपी द्वारा उक्त थाना भवन का निरीक्षण किया गया, परंतु किसी ने थाना भवन में पुलिस को शिफ्ट कराने की सहमति नहीं दी। अलबत्ता कुछ एसपी उक्त थाना भवन से इतर थाना भवन निर्माण कराने को लेकर योजना बना दी। कई जगहों पर जमीन की तलाश भी की गई, परंतु तेज गति से फाइल नहीं दौड़ पाई।
चयन समिति पर उठा था सवाल
वर्ष 2008 में एसपी डा. केके सिंह ने मोरकाही थाना भवन निरीक्षण के दौरान टिप्पणी में अंकित किया था कि दुर्गम व कई नदियों के पार उक्त स्थल पर थाना भवन निर्माण की अनुमति देने में ही चूक हो गई। उन्होंने निरीक्षण टिप्पणी में कई गंभीर सवाल को अंकित किया था।
क्या कहते हैं एसपी
एसपी अनिल कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें इस संदर्भ में बहुत कुछ जानकारी नहीं है। हां, जल्दी ही वे उक्त थाना भवन का जायजा लेंगे, पता करेंगे कि जब वर्षों पूर्व भवन निर्माण हुआ तो वहां से थाना संचालित करने में क्या परेशानी है।