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शिक्षा के विकास को ले संकल्पित हैं कृष्णमोहन

संजीव सौरभ, खगड़िया: छात्र जीवन में पढ़ाई के प्रति लोगों का जुनून रहता है और यही उन्हें मुकाम तक पहुं

By Edited By: Published: Sat, 08 Aug 2015 01:29 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2015 01:29 AM (IST)
शिक्षा के विकास को ले संकल्पित हैं कृष्णमोहन

संजीव सौरभ, खगड़िया: छात्र जीवन में पढ़ाई के प्रति लोगों का जुनून रहता है और यही उन्हें मुकाम तक पहुंचाता है। इसी दौर में भूकंप और भागलपुर दंगा पीड़ितों की व्यथा देखकर शहर से सटे सन्हौली के कृष्णमोहन सिंह उर्फ मुन्ना जी ने शिक्षा का रास्ता बदलकर समाज सेवा शुरू कर दिया।

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कैसे आया शिक्षा सुधार का जुनून

अर्थशास्त्र से एमए व एलएलबी कर चुके कृष्णमोहन सिंह उर्फ मुन्ना जी वर्ष 1988-89 में भागलपुर दंगा और भूकंप पीड़ितों की व्यथा देख सिहर उठे। तभी समता ग्राम सेवा सदन संस्थान से जुड़कर सेवा का काम शुरू किए। राहत वितरण का काम किया और लोगों की सेवा करते हुए खुद को शिक्षा के विकास में समर्पित कर दिया। वर्ष 1990-91 में कटिहार जाकर भूमिहीनों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा जन जागरुकता और शिक्षा को बढ़ावा दिया। शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने की दिशा में उठाया गया उनका कदम फिर से पीछे नहीं हटा।

वर्ष 1992-93 में मुन्ना जी ने जिला के असाक्षरों के बीच समता ग्राम सेवा संस्थान के माध्यम से 18 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर युवक-युवतियों को साक्षर करने की शुरुआत किया। समता ग्राम सेवा संस्थान के जिला समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए खगड़िया जिला के कोने-कोने में उन्होंने ऐसे युवाओं को ढूंढकर शिक्षा देना शुरू किया। वर्ष 2004 में आई बाढ़ के बाद खगड़िया के भूले-भटके बच्चों को बाल गतिविधि केंद्र खोलकर उनका मानसिक व शैक्षणिक विकास किया। वर्ष 2007 में आई बाढ़ के बाद सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से जिला के ध्वस्त विद्यालय व शौचालयों का निर्माण करवाया। जिला के 20 विद्यालयों को चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल बना कर उसमें झूला व बच्चों के लिए महत्वपूर्ण अन्य व्यवस्थाएं की। बच्चों की शिक्षा के दिशा में समर्पण का भाव ही उन्हें जिला में एक पहचान दिला दी। बेलदौर क्षेत्र में आज भी लोग उन्हें काफी सम्मान देते हैं। जहां 2008 में आई बाढ़ के बाद 24 विद्यालय को चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल बना कर बेसहारा बच्चों को सांस्कृतिक माहौल में शिक्षा के प्रति पुन: प्रेरित किया।

उस वक्त कांप उठा था हृदय

कृष्णमोहन सिंह का उस वक्त हृदय कांप उठा था जब वर्ष 2007 में बाढ़ के बाद अंबा(अलौली) में एक 8 वर्षीय बालक बाढ़ की विभीषिका को देख कर सदमे में आ गया था। गुमसुम बैठे रहता था। अपने प्रयास से मुन्ना जी ने उसे शिक्षा व्यवस्था से जोड़ा। आज वह बालक पढ़ाई कर रहा है। अभी कृष्ण मोहन सिंह किसान विकास ट्रस्ट के खगड़िया संघटक के रूप में कार्य करते हुए शैक्षणिक सुधार के दिशा में काम कर रहे हैं।

-कोट-

'इस वक्त दलित व महादलित बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। तमाम प्रयासों के बाद भी इनके शैक्षणिक स्तर में बहुत सुधार नहीं हो सका है। इस वर्ग के शैक्षणिक उत्थान ही अब मेरा पहला उद्येश्य है।'

= कृष्णमोहन सिंह उर्फ मुन्ना जी, सामाजिक कार्यकर्ता


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