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खतरों के बीच नौकाओं से सफर की विवशता

खगड़िया : नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कोसी-बागमती 'उफन' रही है। इधर, डुमरी घाट पर जुगाड़ पुल

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 07:15 PM (IST)
खतरों के बीच नौकाओं से सफर की विवशता

खगड़िया : नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कोसी-बागमती 'उफन' रही है। इधर, डुमरी घाट पर जुगाड़ पुल के बंद होने बाद से यात्री जान जोखिम में डालकर नौका से कोसी-बागमती नदी पार करने को विवश है। मालूम हो कि डुमरी में कोसी-बागमती का संगम होता है। ऐसे में नौका से आवागमन खतरे से खाली नहीं है। कभी भी यहां दुर्घटना घट सकती है। मालूम हो कि कई नौका संचालक नियम-कानून को ताक पर रखकर परिचालन कर रहे हैं। इन नौकाओं पर जीवन रक्षक संसाधन अर्थात लाइफ जैकेट, ट्यूब आदि नहीं है। ऐसे में अगर कभी कोई दुर्घटना घटती है, तो भगवान ही मालिक।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

पीरनगरा के रामवृक्ष कुमार, ब्रजेश कुमार, दिघौन मुखिया राजो सहनी ने कहा कि नौगछिया के विजयघाट में बेकार पड़े पीपा पुल को डुमरी स्थित नदी में लगा दिया जाए तो समस्या का बहुत हद तक समाधान हो सकता है। इन दिनों हालात यह है कि शाम ढलते ही जब नौका परिचालन बंद हो जाता है, तो घाट पर ही यात्रियों को रात गुजारनी पड़ती है। इन लोगों ने डुमरी घाट के दोनों छोर पर एसडीआरएफ टीम को तैनात करने की मांग की है।

बोले, गोगरी एसडीओ संतोष कुमार

'वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर नदी में स्टीमर चलाने का प्रस्ताव सरकार को भेजी गयी है। फिलहाल नौका से ही आर-पार करना होगा। घाट पर एसडीआरएफ की टीम तैनात करने को लेकर विचार किया जायेगा।'


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