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हाथ में चप्पल लेकर चलते हैं बोरना के लोग

गोगरी (खगड़िया), संवाद सुत्र: प्रखंड के बोरना पंचायत के लोगों को सड़क की जर्जरता के कारण काफी परेशानी

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:15 PM (IST)
हाथ में चप्पल लेकर चलते हैं बोरना के लोग

गोगरी (खगड़िया), संवाद सुत्र: प्रखंड के बोरना पंचायत के लोगों को सड़क की जर्जरता के कारण काफी परेशानी उठानी पर रही है। उक्त पंचायत अनुमंडल अथवा प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली जीएन बाध सह सड़क जगह जगह गढ्डा में तब्दील होकर रह गई है। जिसपर वाहन तो क्या, पैदल चलना भी मुश्किल जान पड़ता है। उक्त सड़क की र्इंट सोलिंग हुए लगभग एक दशक हो चुका है जो आज काफी जर्जर हो अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच चुका है। ईट सोलिंग सड़क की जगह जगह ईंट गायब है। तो कहीं ईट बिखरे नजर आते हैं। वहीं वर्ष 2010-11 में जीएन बाध पर मिट्टी भराई कार्य के दौरान मिट्टी भरे जाने से उक्त ईंट सोलिंग सड़क पर मिट्टी है। अन्य मौसम में तो बोरना के लोग किसी प्रकार गाव व अनुमंडल मुख्यालय आते-जाते हैं। परंतु बरसात के दिनों में तो उक्त सड़क पर चलना और भी मुश्किल हो जाता है। जब उक्त सड़क पर मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो जाती है। कीचड़ के साथ फिसलन हो जाती है, और उस समय लोगों के लिए हाथ में जूता-चप्पल लेकर चलने की मजबूरी हो जाती है। मोटर साईकिल व अन्य वाहन सवार लोग मजबूरी में उक्त तीन किलोमीटर के रास्ते को छोड़ महेशखूट के रास्ते 12 किलोमीटर की दूरी तय कर अनुमंडल या प्रखंड कार्यालय तक पहुंचते हैं। हालाकि उक्त मार्ग जीएन बाध पर गोगरी कुंडी से लेकर बौरना तक लगभग डेढ़ दो किलोमीटर ही जर्जर है। उसके बाद उक्त सड़क गोगरी जमालपुर पथ में मिलती है। स्थानीय लोगों के अनुसार उक्त सड़क की ओर न तो अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न हीं कोई जनप्रतिनिधि। जिस कारण पंचायत वासियों को घोर परेशानी उठानी पड़ती है। पंचायत के मुखिया धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि पंचायत वासियों के लिए उक्त सड़क की जर्जरता गंभीर समस्या है। जिसे लेकर कई बार अधिकारी व एमपी, एमएलए से बात की गई, आश्वासन भी मिला पर इस ओर कोई पहल नहीं हुई। वे कहते हैं उक्त सड़क पूर्णत: उनके पंचायत में भी नहीं है। इससे पंचायत योजना से भी नहीं बनाई जा सकती है।


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