परिजनों को आस थी कि सुमन जिंदा है
(लक्ष्य पर टिकी.. का बाक्स) खगड़िया, संवाद सूत्र : पटना के व्यवसायी सुमन के परिजनों को आशा थी कि सु
By Edited By: Published: Sat, 22 Nov 2014 09:41 PM (IST)Updated: Sat, 22 Nov 2014 09:41 PM (IST)
(लक्ष्य पर टिकी.. का बाक्स)
खगड़िया, संवाद सूत्र : पटना के व्यवसायी सुमन के परिजनों को आशा थी कि सुमन जिंदा ही होगा। परिजनों की मानें तो 17 साल पहले भी सुमन के रिश्ते में लगने वाला ममेरा भाई राजेश का अपहरण किया गया था। उसमें भी वेलोग थे, जो आज सुमन के अपहरण व निर्मम हत्या में शामिल हैं। परिजनों का कहना है कि पांच कट्ठा जमीन लिखने के बाद अभियुक्तों ने आठ दिन बाद राजेश को सकुशल लौटा दिया था। तमाम तरह की चर्चाओं के बाद भी परिजन को आस थी कि कहीं राजेश की तरह की अपराधी कुछ शर्त मनवाकर सुमन को भी सकुशल लौटा देंगे। मगर, शनिवार की सुबह सुमन का शव मिलते ही इस आस पर भी पानी फिर गया।
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