खाद्य सुरक्षा नियम की उड़ रही है धज्जियां
गोगरी (खगड़िया),संवाद सूत्र: खाद्य सुरक्षा नियमों के क्रियान्वयन के बावजूद जनवितरण प्रणाली व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रही है बल्कि एसएफ सी की उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही के कारण जविप्र व्यवस्था बिगड़ी है। खाद्य सुरक्षा नियम लागू होने के बाद लोग इस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद लगाए बैठे थे। जो अब निराशा में बदल गई है। सरकारी स्तर पर सुधार को ले इसी वर्ष फरवरी से खाद्य सुरक्षा नियम लागू किया गया। तथा फरवरी से हीं खाद्य सुरक्षा नियम के तहत राशन कार्डधरियों को खाद्यान की आपूर्ति होनी थी, जो अब तक लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। फरवरी तक कार्ड वितरण नहीं होने के कारण लोगों को फरवरी के खाद्यान से वंचित होना पड़ा। मार्च व अप्रैल माह में खाद्यान्न का किसी तरह वितरण हो सका। जानकारी के अनुसार एसएफसी द्वारा आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण गरीबों को फरवरी का खाद्यान नहीं मिला। नियमानुसार डीलरों को होम डिलेवरी देने वाले संवेदक के गायब रहने के कारण डीलरों को खाद्यान आपूर्ति हीं नहीं हुई। लोग फरवरी का राशन नहीं मिलने तथा अब अगस्त में मई का राशन दिए जाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
वर्तमान में क्या है स्थिति
वर्तमान में लाभुकों के बीच राशन कार्ड वितरण की जा चुकि है। हालाकि क्षेत्र में राशन कार्ड से कई लोग वंचित हैं। वहीं बात अगर खद्यान आपूर्ति की करें तो लाभुकों को अब तक सिर्फ मार्च व अप्रैल का खाद्यान्न हीं मिला है। वहीं बात संवेदक द्वारा डीलरों को होम टू होम डिलेवरी की करें तो डीलरों को अब खाद्यान्न की होम डिलेवरी हो रही है। जबकि अभी उठाव व वितरण कार्य काफी धीमा है। अभी अगस्त समाप्त हो चुका है। मई का खाद्यान हीं वितरण हो रहा है। हा कहीं-कहीं डीलरों को जून का खाद्यान्न मुहैया कराया गया है। जिससे जनवितरण व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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एसएफसी की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे लाभुक
संसू, गोगरी: जनवितरण की कुव्यवस्था के कारण जहा खाद्य सुरक्षा नियम प्रभावित हो रहा है वहीं गरीबों को समय पर नियमित राशन नहीं मिल पा रहा है। एसएफसी के उदासीनता के कारण समय से आपूर्ति नहीं होने से महिनों बैकलाक होने के चलते वर्ष 2013-14 में पहले अप्रैल से अगस्त तक का खाद्यान लैप्स की गई। तथा पुन: बैकलाक कि स्थिति बनने के कारण पुन: नवंबर से जनवरी तक का खाद्यान लैप्स कर दिया गया। हालाकि कुछेक डीलरों को नवंबर में उठाव कराया गया था। खाद्य सुरक्षा नियम लागु होने के बाद भी फरवरी का खाद्यान वितरण नहीं हुआ। इस प्रकार गरीबों को कई माह के खाद्यान्न से वंचित होना पड़ा है। मतलब दिसंबर से अब तक लोगों को सिर्फ मार्च व अप्रैल का ही राशन मिला है।
सुने डीलरों की :
डीलरों के मुताबिक उदासीनता के कारण उन्हें एक तरफ जहा लाभुकों के कोप का भाजन होना पड़ता है। वहीं खाद्यान उठाव हेतु अग्रिम राशि ड्राफ्ट जमा करना पड़ता है। जिससे उनकी पूंजी फंस गई है। अब तो पूर्व का खाद्यान्न भी लैप्स हो गया है। वहीं खाद्य सुरक्षा नियम के तहत डीलरों को होम डिलेवरी दिए जाने की बाबत कहते हैं। यहा होम डिलेवरी मई से दी जा रही है। फिलहाल डीलरों द्वारा पहले मार्च व अप्रैल का उठाव गोदाम से खुद अपनी व्यवस्था कर उठाव करनी पड़ी।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीओ संतोष कुमार के अनुसार खाद्य सुरक्षा नियम के तहत लाभुकों को कार्ड वितरण हो चुका है। आपत्ति भी लेकर भेजी गई है। संवेदक द्वारा डीलरों को होम टू होम डिलेवरी भी आरंभ हो गई है। फिलहाल जून की आपूर्ति की जा रही है। जल्दी व्यवस्था में सुधार होगा।