दम तोड़ रहा पशु चिकित्सालय केंद्र
गोगरी(खगड़िया) संवाद सूत्र: सम्पूर्ण गोगरी अनुमंडल क्षेत्र पशुपालन व कृषि प्रधान क्षेत्र माना जाता है। यहा अधिकांश लोगों के जीविका का मुख्य साधन कृषि व पशुपालन हीं है। हजारों की संख्या में यहा पशुओं का पालन होता है। इसके बावजूद गोगरी में पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ती नजर आती है। सरकारी स्तर पर खोले गए पशु चिकित्सा केंद्र विभागीय उदासीनता व अधिकारियों के लापरवाही के कारण मृतप्राय सा हो गया है। केंद्रों की स्थिति दयनीय बनी है। जहा पशु चिकित्सा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। ग्रामीण इलाकों की बात छोड़ अगर अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सा केंद्र की करें तो यहा भी केंद्र भगवान भरोसे हीं चल रहा है। जहा पशुओं की चिकित्सा व्यवस्था की दयनीय स्थिति बनी है।
क्या है केंद्र का हाल
कहने को तो यह केंद्र अनुमंडल मुख्यालय का प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सा केंद्र है। परंतु यहा पशु चिकित्सा हेतु न तो समुचित संसाधन है और न ही चिकित्सक व कर्मी हीं है। पशु चिकित्सा केंद्र मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक के सहारे चल रहा है। जो पशु चिकित्सा के नाम पर किसानों को सिर्फ सलाह या दवा लिख कर हीं दे पाते है। और पशुपालकों का दवा बाजार से खरीदना पड़ता है। कारण यहा दवा आदि सुविधा का अभाव है। सरकारी स्तर पर जो भी दवा उक्त केंद्र को मुहैया कराया जा रहा है वह नाकाफी साबित हो रही है। आलम यह है कि यहा पशुओं के गर्भाधान हेतु सीमेन तक की व्यवस्था नहीं रहती है। ऐसे में पशुपालक जहा तहा व झोला छाप पशुचिकित्सक के शरण में जाने को मजबूर है।
केंद्र में कर्मी व चिकित्सक का है घोर कमी
वैसे तो हर केंद्र पर पशु चिकित्सक व कर्मी का अभाव है। गोगरी के कुल पाच पशुचिकित्सा केंद्रों में कहीं भी चिकित्सक नहीं है। गोगरी के प्रख्ाड पशुपालन अधिकारी हीं सभी केंद्र एक साथ देख रहे हैं। वहीं गोगरी प्रथम श्रेणी केंद्र में मात्र एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक पद स्थापित है। यहा न तो और कोई चिकित्सक हैं और न हीं सहायक चिकित्सक। कर्मी के नाम पर यहा एक प्रखंड कार्यालय के कर्मी कार्यरत है। जबकि यहा कम से कम दो चिकित्सक व दो सहायक के साथ कम से कम तीन अन्य कर्मी की आवश्यकता है। ऐसे में पशु चिकित्सा व्यवस्था का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
क्या कहते है केंद्र के चिकित्सक
केंद्र के भ्रमणशील पशु चिकित्सक डॉ. साकेत कुमार के अनुसार सरकारी स्तर पर पशु के लिए जो प्रदत सुविधा केंद्र पर है वो किसानों को मुहैया करयी जा रही है। उनके अनुसार चिकित्सक व कर्मी का अभाव में परेशानी होती है। इसमें वे क्या कर सकते है। किसानों को दवा जो उपलब्ध है दी जाती है।