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परबत्ता की आधा दर्जन सेविकाओं का चयन रद

By Edited By: Published: Mon, 14 Jul 2014 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jul 2014 08:48 PM (IST)
परबत्ता की आधा दर्जन सेविकाओं का चयन रद

खास बातें

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= कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से कार्य करने पर लगाई रोक

= 19-20 जुलाई 2012 को किया गया था चयन

= पैनल की वैधता सदा के लिए किया समाप्त

= पूर्व की सेविकाओं को कार्य करने का दिया आदेश

= 18 जून को हुआ था आदेश पारित, अभी भी कार्य कर रहीं सेविकाएं

जागरण संवाददाता, खगड़िया : मुंसिफ न्यायालय खगड़िया ने परबत्ता प्रखंड में सीडीपीओ वर्तिका सुमन व अन्य द्वारा वर्ष 2012 में 19 व 20 जुलाई को छह केंद्रों पर बहाल की गई सेविकाओं के चयन को निरस्त कर दिया। साथ ही कोर्ट ने उक्त केंद्रों पर पूर्व से कार्यरत सेविकाओं को कार्य करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने परबत्ता प्रखंड की तेमथा करारी पंचायत अंतर्गत आंगनबाड़ी सेविका निवेदिता देवी, सारिका कुमारी, पमपम कुमारी, सुल्ताना खातून, गीता कुमारी व रागिनी कुमारी का चयन रद किया है। न्यायाधीश राजेंद्र दास ने 26 पेज के अपने आदेश में विभाग से जुड़े सभी सक्षम पदाधिकारियों को कहा है कि उक्त केंद्रों पर पूर्व से कार्यरत सेविकाओं को नए सिरे से पुन: चयनित करें। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर न्यायालय द्वारा पारित आदेश का अविलंब पालन नहीं किया जाता है तो वैसी परिस्थिति में वादिनी रूपम कुमारी वगैरह 01 से 08 तक कानूनी प्रक्रिया के तहत प्रदत्त प्रावधानों के अनुसार आंगनबाड़ी सेविका के रूप में पूर्व से आवंटित केंद्रों पर विधिवत कार्य करने के लिए बाध्य हो जाएंगी। चूंकि इस तरह का वैधानिक अधिकार इस दिवानी स्वत्व-वाद में दिनांक 18 जून 2014 को न्यायालय द्वारा उन्हें न्याय हित में प्रदान किया जाता है।

कोर्ट ने अपने आदेश में तेमथा करारी पंचायत की केंद्र संख्या 94 पर अर्चना देवी, 95 पर पीयूष कुमारी, 96 पर रूपम कुमारी, 97 पर नीलम कुमारी, 98 पर फूलवती देवी, 99 पर आशा देवी, 100 पर ज्योति कुमारी और 101 पर निशा कुमारी को फिर से काम करने का आदेश दिया है। इन सेविकाओं का चयन 2003 में उपरोक्त केंद्रों के लिए किया गया था।

सात वर्ष के संघर्ष के बाद मिला न्याय

वर्ष 2007 में तत्कालीन मुखिया पवन कुमार चौधरी ने इन केंद्रों पर अनियमितता को लेकर विभागीय अधिकारियों को आवेदन दिया था। इसके बाद जब इन सेविकाओं का चयन रद हुआ और 2012 में नई बहाली के तहत चयन किया गया तो सेविकाओं ने हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया। कोर्ट ने मामले को जिला न्यायालय में निबटाने को कहा। मुंसिफ कोर्ट ने आदेश में उक्त सेविकाओं को पुन: बहाल करने का आदेश दिया।

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कोट

'विभागीय अधिकारी से मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है। अगर जरूरत महसूस हुई तो हम अपील में जाएंगे।'

-राजीव रौशन, जिलाधिकारी


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