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अब खाद के लिए किसानों को लगाना होगा अंगूठा

कटिहार। अब बिना अंगूठा लगाए किसान खाद की खरीदारी नहीं कर पाएंगे। एक जून से खाद की बिक्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 06:05 PM (IST)
अब खाद के लिए किसानों को लगाना होगा अंगूठा
अब खाद के लिए किसानों को लगाना होगा अंगूठा

कटिहार। अब बिना अंगूठा लगाए किसान खाद की खरीदारी नहीं कर पाएंगे। एक जून से खाद की बिक्री की नई व्यवस्था लागू हो रही है। इसके तहत अब बिना आधार कार्ड के खाद लेना मुश्किल हो जाएगा। नई व्यवस्था के तहत अब बिना आधार कार्ड वाले किसानों को खाद नहीं मिल पाएगा। साथ ही खाद लेते समय अंगूठा लगाना भी आवश्यक होगा। इसके बिना खाद की आपूर्ति नहीं हो सकेगी।

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नई व्यवस्था के तहत सरकारी स्तर पर थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को निश्शुल्क पीओएस मशीन उपलब्ध कराया जाएगा। मशीन में विक्रेताओं की पूर्ण जानकारी अपलोड की जाएगी। थोक विक्रेता ऑन लाइन अपने स्टाक की जानकारी देंगे। साथ ही उन्हें खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध कराई गई खाद की जानकारी भी अपलोड करनी होगी। इस प्रक्रिया के बिना खाद का स्टॉक व वितरण संभव नहीं होगा। साथ ही विक्रेताओं द्वारा बिक्री की गई खाद और उनके पास शेष बचे स्टॉक की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इसके आधार पर फिलहाल सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

रकवा के साथ खेतों में लगी फसल की भी रहेगी जानकारी

नई व्यवस्था में किसानों से संबंधित पूरी जानकारी मशीन में अपलोड होगी। उनके जमीन का विवरण और खेतों में लगी फसल की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। इसके अनुरूप तय मानक के बराबर ही उन्हें खाद दिया जाएगा। इसके लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है। किसान खाद लेने के लिए अपना अंगूठा मशीन में लगाऐंगे और उनका पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।

छह सौ अनुज्ञप्ति धारी है खाद विक्रेता

नई व्यवस्था के तहत खाद की कालाबाजारी पर पूरी तरह रोक लगेगा। अनुज्ञप्ति धारक विक्रेताओं के द्वारा ही खाद की बिक्री और भंडारण किया जा सकेगा। फिलहाल जिले में छह सौ के करीब अनुज्ञप्ति धारी खाद विक्रेता है। उनके द्वारा ही खाद की बिक्री की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में खाद खरीद कर बेचने की व्यवस्था पर पूरी तरह ब्रेक लगेगा। नई व्यवस्था के तहत अब खाद की सब्सिडी सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाता में देने की भी योजना तैयार की जा रही है। नई व्यवस्था को लेकर विक्रेता और किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।


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