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लाखों खर्च होने के बाद भी हलक सूखे

कटिहार। अमदाबाद प्रखंड में लाखों खर्च के बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। प्र

By Edited By: Published: Mon, 30 Jan 2017 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2017 10:41 PM (IST)
लाखों खर्च होने के बाद भी हलक सूखे
लाखों खर्च होने के बाद भी हलक सूखे

कटिहार। अमदाबाद प्रखंड में लाखों खर्च के बाद भी लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। प्रखंड क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगे कई संयत्र बेकार पड़े हैं, जबकि कई जगह यह यंत्र आज तक लग भी नहीं पाया है।

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अमदाबाद प्रखंड क्षेत्र के जल में खतरनाक मात्रा में आर्सेनिक पाई जाती है। यहां के लोग वर्षों से आर्सेनिक एवं फ्लोराइड युक्त जल पी रहे हैं। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बने कुंआ युक्त चापाकल पूरी तरह बेकार हो गए हैं। मिनी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत लाखों की लागत से कई संयंत्र बनाए गए एवं पाईप के जरिए ग्रामीणों को वाटर सप्लाई की व्यवस्था की गई। इनमें से कई बनने के कुछ माह बाद ही बेकार हो गए। जानकारी के अनुसार प्रखंड के चौकिया पहाड़पुर पंचायत में एवं किशनपुर पंचायत के गारद टोला में मिनी जलापूर्ति योजना के तहत दो संयंत्र बनाए गए, लेकिन इसका लाभ लोगों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं दक्षिणी अमदाबाद में मिनी जलापूर्ति येाजना के तहत बन रहा संयंत्र भवन भी ऐसे स्थान पर बन रहा है जो वर्ष में दो माह तक पानी में ही डूबा रहता है। बता दें कि इस संयत्र को छोटा रघुनाथपुर गांव के बाहर बनाया जा रहा है। यह स्थान बरसात के मौसम में पानी में डूबा रहता है।

क्या कहते हैं अधिकारी :

पीएचईडी विभाग के जेई राम उजगार ने बताया कि मिनी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत बन रही संयंत्र की लागत राशि 20 लाख रुपये है। दक्षिणि अमदाबाद में जहां स्थान उपलब्ध हुआ है, वहीं बनाया जा रहा है।


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