बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना में केंद्र ने किया बदलाव
कटिार [नीरज कुमार]। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बंधुआ मजदूर योजना में संशोधन किया है।
कटिार [नीरज कुमार]। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बंधुआ मजदूर योजना में संशोधन किया है। राज्य श्रमायुक्त ने इसको लेकर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। नियमों में किए गए बदलाव को लेकर पुनर्वास योजना की राशि की मांग अब जिला स्तर से नहीं की जा सकेगी। श्रम विभाग अब सीधे केंद्र से राशि की मांग करेगा। कटिहार सहित राज्य के 14 जिलों के लिए 143 बंधुआ मजदूर विमुक्ति प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए प्रावधान के तहत योजना मद में 10 लाख की राशि संबंधित जिलों को आवंटित की जाएगी। राशि में विमुक्त बंधुआ मजदूरों के लिए तत्काल 20 हजार रूपये सहायता राशि के रूप में दिया जाना है। बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना को लेकर राज्य के 24 जिलों में एनसीएलपी का गठन किया जा चुका है। शेष 14 जिलों के लिए वहां के जिलाधिकारी के नाम अलग से बैंक खाता खुलवाकर खाता संख्या की मांग की गई है। ताकि योजना मद की राशि सीधे संबंधित खाता में भेजा जा सके।
बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना के नियमों में भी व्यापक बदलाव किया गया है। बंधुआ मजदूरों की पहचान, विमुक्ति एवं पुनर्वास के लिए हर तीन साल पर जिलास्तर पर सर्वेक्षण कराया जाना है। इसके लिए 4.50 लाख की राशि आवंटित की जाएगी। इसका 50 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार राशि की मांग का विकल्प भी इसमें रखा गया है। बंधुआ मजदूरी उन्मूलन के लिए लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए भी 50 फीसदी राशि का अग्रिम भुगतान किया जाएगा। सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन अध्ययन मद में एक लाख की राशि दी जाएगी। वित्तीय वर्ष में अधिकतम पांच बार इस राशि की मांग की जा सकेगी। सूबे के 14 जिलों में 143 बंधुआ मजदूर विमुक्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। कटिहार जिले के लिए छह, मधुबनी के लिए 22, दरभंगा के लिए सात, पूर्वी चंपारण के लिए 26, पूर्णिया जिले के लिए एक, समस्तीपुर के लिए 37, बेगूसराय जिले के लिए एक, मुजफ्फरपुर के लिए चार, छपरा के लिए दो, वैशाली के लिए सात, जहानाबाद के लिए दो, नालंदा के लिए नौ, गया जिले के लिए 13 तथा सीतामढ़ी जिले के लिए छह विमुक्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। शीघ्र ही इन जिलों को पुनर्वास योजना मद के लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा।