कचरे की ढेर पर मिली थी लक्ष्मी, अब बनेगी अमेरिका की लाडली
जो लड़की एक दिन कचरे के ढेर पर मिली थी वो अब अमेरिका जाएगी। कटिहार की लक्ष्मी को अमेरिकी दंपति ने गोद लिया और अब वो लड़की अमेरिका जा रही है।
कटिहार [प्रकाश वत्स]। लगभग साढ़े चार साल पहले पूर्णिया में कचरे के ढेर पर मिली मासूम लक्ष्मी अमेरिका की दुलारी बेटी बन जाएगी। लक्ष्मी को अमेरिका के एक दंपती ने गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। संभव है कि जनवरी-2018 में लक्ष्मी अमेरिका चली जाएगी।
लक्ष्मी फिलहाल संदेश भारती सेवा संस्थान के सौजन्य से शहर के भगवान चौक पर संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही है। 30 दिसम्बर 2016 को लक्ष्मी हिंदू अनाथालय, भागलपुर से यहां भेजी गई थी।
बच्ची को देखने कटिहार पहुंची एमली पुटनम
संस्थान के प्रबंध निदेशक मिथिलेश झा व प्रबंधक प्रियंका झा ने बताया कि अमेरिका, कैलिफोर्निया के जोएल डेविड होरस्टिंग व उनकी पत्नी एमली पुटनम होरस्टिंग ने लक्ष्मी को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
सेंट्रल एडोपशन रिर्सोस एजेंसी, नई दिल्ली के माध्यम एमली पुटनम होरस्टिंग ने पहले बच्ची का पूरा बायोग्राफी मंगा गोद लेने की स्वीकृति दी। फिर शनिवार को एमली यहां खुद पहुंच बच्ची के साथ काफी समय भी बिताया। एमली कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में सोशल साइंस की प्रोफेसर हैं। उनके पति फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी का कार्य करते हैं।
गॉड ने सब कुछ दिया बस एक बेटी की थी कमी
कटिहार पहुंची एमली पुटनम ने कहा कि उन्हें ईश्वर ने सब कुछ दिया है। उन्हें तीन पुत्र भी है। एक पुत्र को उन्होंने कैलिफोर्निया से गोद लिया है। बस एक बेटी की कमी उन्हें खल रही थी। उन्होंने अपनी पति की सहमति से भारत की बेटी को गोद लेने का निर्णय लिया।
पहले आफा फिर सेंट्रल एडोपशन रिर्सोस एजेंसी, नई दिल्ली के माध्यम वे यहां पहुंची। वे लक्ष्मी को अपनी बेटी बनाएगी और उन्हें अमेरिका ले जाकर उनके बेहतर पालन-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के साथ उन्हें एक बेहतर नागरिक बनाएगी।
बेटियां अनमोल, कैसे फेंक देती हैं मां
एक सवाल के जवाब में एमली पुटनम ने कहा कि यह सवाल उन्हें भी बेचैनी करती है कोई मां या फिर पिता अपने संतान को यूं कैसे फेंक देती है। बेटियां अनमोल है। वे खुद एक बेटी है। उन पर उनकी मां-बाप के साथ पति को भी फक्र है। भारत में भी ढेर सारी बेटियां हैं, जिन पर पूरा समाज फख्र करता है।