अस्पताल का पशुपालकों को नहीं मिल रहा लाभ
कटिहार। प्रखंड के कुम्हरी, सोनैली, बलिया बेलोन में स्थित पशु अस्पतालों का पशुपालकों को समुचित लाभ नह
कटिहार। प्रखंड के कुम्हरी, सोनैली, बलिया बेलोन में स्थित पशु अस्पतालों का पशुपालकों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में दवा की उपलब्धता नहीं के बराबर रहती है। कर्मियों की भी घोर कमी अस्पतालों में है। अस्पताल प्रांगण का उपयोग लोग कचरा फेंकने के लिए करते हैं। साथ ही अस्पताल परिसर लगातार अतिक्रमित भी होता जा रहा है।
प्रखंड मुख्यालय में स्थित प्रथम वर्गीय पशु अस्पताल का हाल बेहाल है। लगभग 26 लाख रुपये की लागत से कई वर्ष पूर्व सोनैली एवं कुम्हरी में दो मंजिला अस्पताल का निर्माण कराया गया था। अस्पताल बनने के बाद पशुपालकों को लगा था कि इसका लाभ मिलेगा, लेकिन उनकी उम्मीदें जल्द ही टूटने लगी। आलम यह है कि कभी इलाज के लिये भीड़ लगने वाली जगह अब वीरान नजर आती है। कारण अस्पताल में पशुओं के इलाज के लिये समुचित मात्रा में दवा ही उपलब्ध नहीं रहता है। इस वर्ष महानंदा नदी में आई बाढ़ के बाद पशुपालकों के लिए चारे की व्यवस्था की घोषणा सरकारी स्तर पर किया गया था, लेकिन आज तक यहां चारा नहीं पहुंच पाया। वहीं अस्पताल में कर्मी का भी अभाव है। छह की जगह चिकित्सक को लेकर तीन कर्मी से कार्य का संपादन किया जाता है। पशु आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रखंड में पशु अस्पताल की बदहाल दशा की वजह से पशु पालकों को निजी स्तर पर पशुओं का इलाज कराना पड़ता है। वहीं अस्पताल प्रांगण के चारों ओर लोगों ने जमीन को अतिक्रमित कर लिया है। दुकानदार द्वारा पूरा कचरा इसी प्रांगण में फेंका जाता है। इस संबंध में पूर्व में चिकित्सक ने अंचालाधिकारी को आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी। इस पर आज तक पहल नहीं हो पाया है। अस्पताल की बदहाली पर पशु पालक सुमंत कुमार ¨सह, किशोर यादव, आशीष महतो, वरुन झा सहित कई लोगों ने कहा कि अस्पताल का लाभ पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा है। लोगों ने दवा उपलब्ध कराने की मांग की है। इधर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अबू जफर ने बताया कि अस्पताल में एंटीबॉयटिक इंजेक्शन के साथ कुछ सूई उपलब्ध है। शेष दवा व कर्मियों का भी अभाव है।