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पेयजल पर लाखों खर्च फिर भी पानी को तरस गए लोग

कटिहार। सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद बरारी प्रखंड वासी को शुद्ध पेयजल तो नसीब नहीं हो पाया, लेकिन

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 08:02 PM (IST)
पेयजल पर लाखों खर्च फिर भी पानी को तरस गए लोग

कटिहार। सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद बरारी प्रखंड वासी को शुद्ध पेयजल तो नसीब नहीं हो पाया, लेकिन पेयजलापूर्ति योजना में जमकर सरकारी राशि की बंदरबांट की गयी। लाखों खर्च होने के बावजूद लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पाया। ग्रामीण आज भी आयरन व आर्सेनिक युक्त जल पीने पर मजबूर हैं। बरारी प्रखंड में जल शुद्धि व संचय के नाम पर जमकर लूट खसोट हुई। प्रखंड में जल शुद्धिकरण के नाम पर कई योजनाएं चलाई गई। लेकिन जमीन पर सब ढाक के तीन पात साबित हुई। आयरन मुक्त पानी के लिए टंकी युक्त चापाकल लगाने की योजना भी ढाक के तीन पात साबित हुई। वहीं कुंआ खुदवाने के नाम पर भी सरकारी राशि की लूट मचायी गयी। वर्षा के जल संचय को लेकर जमीन में टंकी बनाया गया, लेकिन सभी योजनाएं सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई। प्रखंड के उत्तरी भंडारतल व सकरैली पंचायत भवन में जल संचय के लिए बना टैंक अब अन्य दूसरे कार्य के लिए उपयोग में आ रहा है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण : प्रेम प्रकाश गुप्ता, बाल कृष्ण पटेल, अखिलेश सिंह, संजय सिंह आदि का कहना है कि जल शुद्धि व संचय के लिए योजना सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई है। इससे विभागीय अधिकारी व संवेदक मालामाल हुए हैं।


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