जिले में आपदा प्रबंधन के नही हैं पुख्ता प्रबंध
जासं, कटिहार : प्राकृतिक को लेकर कटिहार सहित कोसी का इलाका संवेदनशील माना जाने लगा है। लेकिन आपदा स
जासं, कटिहार : प्राकृतिक को लेकर कटिहार सहित कोसी का इलाका संवेदनशील माना जाने लगा है। लेकिन आपदा से निबटने की पुख्ता तैयारी यहां अबतक नहीं हो पायी है। वहीं शहर में बन रहे बहुमंजिला इमारतें भी सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं बनायी जा रही है। जिले में तूफान के कारण भारी क्षति हुई है। जिसका सही आकलन अबतक पूरा नहीं हो पाया है। वहीं लगातार आ रहे भूकंप के झटके के कारण कई मकानों में दरारें पर चुकी है। तो कई के नीव हिल चुके हैं। अधिकांश मकानों में भूकंप रोधी तकनीक का प्रयोग नहीं किया गया है। वहीं कई बहुमंजिला इमारत नगर निगम के मानकों के विपरीत बनाया गया है। ऐसे में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा के समय जानमाल की क्षति होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। वहीं शहर के सरकारी अस्पतालों में पहले से ही चिकित्सकों की कमी बनी हुयी है। और अस्पतालों में संसाधनों का अभाव है। ऐसी स्थिति में किसी बड़ी आपदा के समय लोगों की हिफाजत करना मुश्किल है। लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर कोई विशेष तैयारी नहीं की गई है। आपदा होने की स्थिति में राहत कार्य चलाना भी इस स्थिति में मुश्किल साबित हो सकता है। शहर में बनने वाली इमारत नियम कानून को ताक पर रख कर बनायी जा रही है। बिना नक्शा पास कराए और विशेषज्ञ इंजीनियर की सलाह लिए बड़ी बड़ी इमारतें हाल के दिनों में खड़ी की गयी है। तंग सड़कों के किनारे बने इन इमारतों में रहने वाले लोगों को भूकंप जैसी आपदा के समय रेसक्यू करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी साबित होगा। आपदा आने के बाद प्रशासन की भूमिका अनुदान और मुआवजा देने भर तक की रह गयी है, लेकिन इसको लेकर पूर्व से किसी तरह की तैयारी अभी तक नहीं की जा सकी है।