Move to Jagran APP

तेरे आंसुओं की जलन मेरे दिल को जला रही है..

संवाद सूत्र, कटिहार : शहर के ओटी पाड़ा स्थित साई मंदिर परिसर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें

By Edited By: Published: Mon, 20 Apr 2015 01:32 AM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2015 01:32 AM (IST)
तेरे आंसुओं की जलन मेरे दिल को जला रही है..

संवाद सूत्र, कटिहार : शहर के ओटी पाड़ा स्थित साई मंदिर परिसर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कई नामी-गिरामी कवियों ने भाग लिया। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता राम खेलावन प्रजापति ने किया। अपनी कविता आये देर कर, मैं क्या करूं .. पथिक सी भटकती-अटकती पतित सी आत्माएं, आशा की उत्पातु घड़ियां आ गई तो मैं क्या करूं.. से उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की। वहीं कवि विश्वनाथ कुशवाहा ने भी अपनी कविता से सबका दिल जीत लिया। कवि पंकज कुशवाहा की कविता जाड़े में कोई नहीं मरेगा, ऐसा नेता जी बता रहे हैं, तेरे आंसुओं की जलन मेरे दिल को जला रही है.. पर खूब तालियां बजी। डा. आरएस मुखिया ने अपनी कविता के माध्यम से मेक इन इंडिया पर भारत की तस्वीर बयां की। केशरी जी ने कहा कि अंग्रेजों के समय का हिंदी विकसित थी, जब आजाद भारत का हिंदी कमजोर पड़ रही है। वहीं मुबरा तेश ने गजल के माध्यम से कहीं से तोड़ कर लाओ, मेरे यार सी आंखें, वहीं अर्जुन सिंह ने कहा कि हम दोनों तो एक हैं फर्क। वहीं नीलकंठ ने कहा कि चमन की ऐ कली तुम, थोड़ी खुशी दे दो, थोड़ी हंसी दे दो। ऐ खुदा रहम कर दो ..। वहीं रंजीत तिवारी ने भी अपनी कविता का पाठ किया। वहीं जय शंकर ने कविता फूल हम चमन के रंग अनेक हमारे .. से दर्शकों की वाहवाही लूटी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.