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बरसा मेघा तो दूर हो जाएगा बारसोई

संवाद सहयोगी, कटिहार : अगर एक बार भी जमकर बारिश हो गई तो बारसोई अनुमंडल क्षेत्र का संपर्क जिला व प्र

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 01:00 AM (IST)
बरसा मेघा तो दूर हो जाएगा बारसोई

संवाद सहयोगी, कटिहार : अगर एक बार भी जमकर बारिश हो गई तो बारसोई अनुमंडल क्षेत्र का संपर्क जिला व प्रमंडल मुख्यालय से भंग हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो बारसोई अनुमंडल की बड़ी आबादी पूरी तरह कैद हो जाएगी। लोगों की इतनी बड़ी समस्या को लेकर कहीं कोई हलचल नहीं है। बतातें चले कि बारसोई से कटिहार आने का एक मात्र रास्ता भाया सोनैली है। जहां कई पुल के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन की भारी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

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सोनैली से कटिहार पहुंचने जाने वाले रास्ते में तिलास के पास स्क्रू पाइल एक पखवाड़ा पूर्व ही धंस चुका है। पुल को बचाने के लिए उसमें अवरोधक लगाया गया था। लेकिन बनने के महज एक दिन बाद ही वह ध्वस्त हो गया। बड़े वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द ही पूल पर आवागमन बाधित हो जाएगा।

कॉलेज रोड सालमारी के पास हाल के वर्षो में बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे इस क्षेत्र का सम्पर्क बारसोई अनुमंडल सहित बंगाल से भंग होने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि बारसोई एसडीओ डॉ. महेन्द्र पाल की जांच के बाद इस पुल की मरम्मत का काम शुरू किया गया है लेकिन वह भी कितना कारगर होगा कहना मुश्किल है।

वहीं प्रमंडल मुख्यालय पूर्णिया जाने के रास्ते में भी समस्या मुंह फैलाए खड़ी है। सोनैली से पूर्णिया सड़क मार्ग पर शिवगंज एवं कोचखालीबाड़ी पर बना स्क्रू पाइल पुल काफी दिनों से क्षतिग्रस्त है। पुल को बचाने को लेकर विभाग द्वारा छह माह पूर्व इस पर आठ टन से अधिक क्षमता के वाहन का गुजरना वर्जित कर दिया गया था। लेकिन गिट्टी और बालू लदे ट्रकों का परिचालन बेरोकटोक होने से पूल टूटने के कागार पर पहुंच चुका है। अगर एक बार भी जमकर बारिश हुई तो जिला एवं प्रमंडल मुख्यालय से संपर्क भंग होना तय है।

प्रभावित होगा लाखों का कारोबार : इन रास्तों के बंद होते ही सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी छिन जाएगी। विभिन्न तरह के व्यापार से जुड़े लोग सामानों की खरीद बिक्री के लिए कटिहार एवं पूर्णिया के बाजारों पर निर्भर हैं। क्षेत्र के किसान अपनी अनाज की बिक्री भी विशेषकर गुलाबबाग मंडी में करते हैं। इसमें काफी संख्या में मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार मिलता है।


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