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जेटली के बजट में दिखी मेक इन इंडिया की छाप

नीरज कुमार, जागरण संवाददाता, कटिहार : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोक सभा में पेश आम बजट दो दिन पूर्

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 02:56 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 02:56 AM (IST)
जेटली के बजट में दिखी मेक इन इंडिया की छाप

नीरज कुमार, जागरण संवाददाता, कटिहार : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोक सभा में पेश आम बजट दो दिन पूर्व पेश किए गए रेल बजट की तरह ही नजर आ रहा है। बजट में किसी लोक लुभावन घोषणा की बात तो नहीं की गयी, लेकिन देश की वित्तीय एवं आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दूरगामी सोच की ओर इशारा करता है। पिछले वर्षो में पेश हुए आम बजट में सब्सिडी एवं लोक लुभावन घोषणा के कारण देश के क्रियाशील जनमानस पर विपरीत असर होने से रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं विकास परक योजना प्रभावित हुयी थी। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने परंपरा से हटकर जिस तरह बजट पेश किया है। उससे देश की औद्योगिक, वित्तीय एवं आधारभूत संरचना मजबूत करने के साथ ही कौशल विकास को लेकर सरकार की चिंता साफ दिखी है। आम बजट में प्रधान मंत्री के मेक इन इंडिया की छाप स्पष्ट देखने को मिल रही है। कई अर्थशास्त्रियों ने बातचीत के क्रम में बताया कि सर्विस टैक्स बढ़ाए जाने से महंगाई तो बढ़ेगी, लेकिन विकास योजनाओं के लिए राज्य की फंडिंग 62 फीसद तक किए जाने के प्रावधान से देश की विकास दर बढ़ेगी। अधिकांश राशि राज्यों को दिए जाने के कारण केंद्र को राजस्व प्राप्ति के लिए कुछ कड़े निर्णय जरूर लेने पड़े हैं। बजट में इस बात की ओर स्पष्ट इशारा किया गया है कि सब्सिडी और बिना काम किए कुछ पाने की परंपरा को पूरी तरह ब्रेक कर देने का मन सरकार ने बना लिया है। आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए कारपोरेट जगत के लिए बजट में कई इंटेंसिव दिए जाने की घोषणा से कारपोरेट जगत का विकास होगा। इसके कारण नए उद्योग लगने से रोजगार सृजन का अवसर बढ़ेगा। इससे वैश्रि्वक बाजार में भारत के उत्पादों की मांग बढ़ेगी। जिसका सीधा फायदा वित्तीय घाटा कम करने एवं आर्थिक विकास दर बढ़ाने में मिलेगा। बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए बजट में विशेष सहायता की बात स्वागत योग्य है। कृषि क्षेत्र के विकास एवं तकनीकी शिक्षा के ऋण में राहत देने से कौशल विकास की गति तेज होगी। आमलोगों के सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाए जाने से बुजर्गो को इस नेटवर्क में शामिल किया जाना राहत की बात है। कालाधन वापसी एवं कर चोरी को लेकर कड़े कानून बनाने के निर्णय से सरकार को राजस्व को प्राप्ति होगी। वहीं विकास की गति भी तेज होगी। स्वच्छता और शौचालय निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता भी सरकार ने इस बजट में दिखायी है।

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-क्या कहते हैं अर्थशास्त्री

अर्थशास्त्र के जानकारों की मानें तो यह बजट दूरगामी प्रभाव डालेगा। भले ही सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी किए जाने से आम लोगों को तुरंत महंगाई से राहत नहीं मिलेगी, लेकिन आधारभूत संरचना मजबूत होने से आगामी कुछ वर्षो में लोगों की आय भी बढ़ेगी। इकोनोमिक हेरिटेज ऑफ इंडिया के लेखक एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डा. शैलेंद्र कुमार झा ने कहा कि यह बजट देश के लोगों में मांगने की बढ़ रही प्रवृति को समाप्त करने की दिशा में कारगर होगी। इसके विपरीत मानव शक्ति का उपयोग कर आर्थिक विकास बढ़ाने का संकल्प दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी व मध्यम वर्गीय लोगों को तुरंत राहत इस बजट से नहीं मिलेगी, लेकिन विकास दर बढ़ने से आने वाले समय में महंगाई भी घटेगी। डा. झा ने कहा कि मोदी सरकार का बजट देश के आर्थिक विकास में दूरगामी प्रभाव डालेगा। जाने माने अर्थशास्त्री प्रो. आरएन मंडल ने कहा कि बजट संतुलित है। आर्थिक विकास बढ़ाने के लिए कारपोरेट क्षेत्र के लिए टैक्स को घटाने से औद्योगिक विकास तेज होगा। बजट में किसानों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए लिए गए निर्णय स्वागत योग्य हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर इच्छाशक्ति जाहिर की तो बजट में किए गए प्रावधान से समाज में आय की असामनता को काफी हद तक पाटा जा सकेगा। ग्रामीण विकास के लिए भी बजट आशानुरूप है।


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