रेल बजट में निराशा के बाद अब आम बजट पर लगी निगाहें
संवाद सहयोगी, कटिहार : गुरूवार को पेश हुए रेल बजट में लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद अब लोगो
संवाद सहयोगी, कटिहार : गुरूवार को पेश हुए रेल बजट में लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद अब लोगों में इस बात की चर्चा हो रही है कि आम बजट से लोगों को कितनी राहत मिलेगी। मोदी सरकार के वादों पर जैसे धीरे धीरे पर्दा उठने लगा है। मोदी सरकार के अच्छे दिन के सपने में लोगों की अपेक्षाएं काफी बढ़ी हुई थी। लोगों ने कांग्रेस की मंहगाई से निजात दिलाने की आस मोदी सरकार पर दिखाई थी। लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम घटने के बाद भी रेल किराया सहित अन्य सामानों के दाम में कोई कमी नहीं आने से लोग अब अच्छे दिन के वादे को लुभावना सपना समझने लगे है। देखना है कि वित्त मंत्री अपने आम बजट के जरिये लोगों को मरहम लगा पाते है या नहीं। आम बजट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कुछ इस तरह की उम्मीद दिखाई है।
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अनामिका राय ने बताया है कि आम बजट आम लोगों के हित में होना चाहिए। आम बजट ऐसा हो जिससे लोगों को मंहगाई से निजात मिल सके। खासकर खाद्य सामग्रियों और गैस के दाम घटने से लोगों को काफी राहत मिल सकती है।
निरंजन मंडल ने कहा कि आम बजट में मंहगाई पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जायेगा। मोदी सरकार ने अच्छा रेल बजट प्रस्तुत किया है। आम बजट में भी जनता की समस्याओं का ख्याल रखा जायेगा।
नौशाबा खातून ने कहा कि आम बजट आम लोगों के लिये हो। खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए।
मनेंदर कश्यप ने कहा कि आम बजट रेल बजट की तरह न हो। आम बजट में जनता के मौलिक सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
जितेन्द्र उरांव ने कहा कि आम बजट आम लोगों से जुड़ा होना चाहिए। बजट ऐसा हो जिसमें निम्न वर्गीय परिवार भी अपना जीवन यापन आसानी से कर सके। मंहगाई पर अंकुश जरूर लगना चाहिए।
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नहीं थम रही है मंहगाई : पूर्व की कांग्रेस सरकार के मंहगाई पर एनडीए सरकार का जादू नहीं चल पा रहा है। तेल की कीमतों में आयी गिरावट के बाद भी फल सब्जी के दाम से लेकर अन्य सामानों के मूल्यों में गिरावट नहीं आयी है। माल भाड़ा कम होने की बात जरूर की जा रही है। लेकिन उसका असर बाजारों में नहीं दिख रहा है। आज भी सामानों की कीमतों में उछाल जारी है। और लोग मंहगाई की मार झेल रहे हैं। दो वर्ष पूर्व और आज के मूल्यों का आकलन करे तो कीमतें लगातार बढ़ रही है।
नहीं घट रहा है यात्री किराया : तेल कि कीमतों में लगातार गिरावट के बाद भी वाहनों के यात्री किराये में कटौती नहीं की गई है। जहां तेल की कीमतों में वृद्धि पर किराया पांच से पच्चीस रूपये तक की वृद्धि होती है। लेकिन लगातार तेल की कीमतों में गिरावट होने के बाद भी यात्री किराया नहीं घटाया गया है। और न ही प्रशासनिक विभाग द्वारा इस दिशा में कोई ठोस पहल हो पायी है। तेल के दाम बढ़ने पर कुछ यू बढ़ा था किराया।
कटिहार से खुलने वाली बसों का किराया:
स्थान पूर्व वर्तमान
भागलपूर - 60 70
सिलीगुड़ी - 120 140
किशनगंज - 100 120
सहरसा - 110 120
मधेपुरा - 80 100
फारबिसगंज - 70 95
पूर्णिया - 25 30
अररिया - 50 60
मनिहारी - 20 30
गेड़ाबाड़ी - 15 20