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फर्जी बहाली के दलालों का बड़ा नेटवर्क कोसी में सक्रिय

जागरण संवाददाता, कटिहार : तीन दिन पूर्व सैन्य अधिकारी के जाली मुहर के सहारे सेना में भर्ती कराने की

By Edited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 01:04 AM (IST)
फर्जी बहाली के दलालों का बड़ा नेटवर्क कोसी में सक्रिय

जागरण संवाददाता, कटिहार : तीन दिन पूर्व सैन्य अधिकारी के जाली मुहर के सहारे सेना में भर्ती कराने की कोशिश का मामला सामने आने के बाद जिला पुलिस सहित सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क है। पुलिस द्वारा अब तक की गयी जांच में यह बात सामने आयी है कि दलालों का नेटवर्क कोसी के हर जिलों में सक्रिय है। नेटवर्क के सरगना द्वारा विभिन्न जिलों में अपने एजेंटों को बहाल कर रखा गया है। मैदान में बहाली के लिए दौड़ का अभ्यास करने वाले बेरोजगार युवाओं को एजेंटों द्वारा ट्रैप कर सेना एवं पारा मिलिट्री में बहाली के नाम पर अपने जाल में फंसाया जाता है। फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद फारबिसगंज के एक युवक से भी पुलिस ने पूछताछ की। जिसमें यह खुलासा हुआ कि कटिहार, पूर्णिया सहित कोसी क्षेत्र के अन्य जिलों से युवकों को फर्जी बहाली के नाम पर ठगने का काम किया जाता है। इसके एवज में एजेंटों को सरगना द्वारा कमीशन भी दिया जाता है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेटवर्क की पैठ इतनी गहरी है कि बहाली के हर प्रक्रिया की जानकारी इसके सदस्यों को होती है। कई बार तो सेना एवं अर्धसैनिक बलों में फर्जी बहाली कराने में दलालों का नेटवर्क सफल भी हो जाता है।

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--सुरक्षा एजेंसियां चौकस

सेना भर्ती कार्यालय एवं सैन्य अधिकारी की फर्जी मुहर एवं डिस्पैच लेटर का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकस हो गयी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देश भर में सुरक्षा को लेकर संवेदनशील संगठनों में देश विरोधी ताकतों की घुसपैठ को ले इंटेलीजेंस एजेंसियों को समय-समय पर मुख्यालय स्तर से चौकसी बरतने का निर्देश भी मिलता है।

--एसपी रख रहे लगातार नजर

सेना बहाली को लेकर बेरोजगार युवाओं से ठगी करने के मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक क्षत्रनील सिंह लगातार स्थिति पर नजर रख रहें हैं। गुरूवार को एसपी ने ठगी के शिकार युवक सुजीत से कार्यालय कक्ष में पूछताछ की। इस मामले में दलालों की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने संबंधित पुलिस पदाधिकारी को निर्देश भी दिया। मामले की जांच का जिम्मा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को सौंपा गया है।

--पूर्व में भी गिरफ्तार हो चुका है संतोष

सेना बहाली में दलाली को लेकर संतोष यादव का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापामारी कर रही है। इसके पूर्व भी संतोष वर्ष 2010 में बहाली में फर्जीवाड़े को लेकर जेल जा चुका है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि संतोष की गिरफ्तारी के बाद नेटवर्क की गतिविधियों का पर्दाफाश हो जाएगा।


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