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रेल क्षेत्र में दो माह पूर्व ही तैयार हो गयी थी टकराव की जमीन

-------------------------- नीरज कुमार, जासं, कटिहार: रेलवे द्वारा ड्राइवर टोला एवं लड़कनिया टोला मे

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 07:14 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 07:14 PM (IST)
रेल क्षेत्र में दो माह पूर्व ही तैयार हो गयी थी टकराव की जमीन

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नीरज कुमार, जासं, कटिहार: रेलवे द्वारा ड्राइवर टोला एवं लड़कनिया टोला में रेल की जमीन से सीमांकन के नाम पर अतिक्रमण हटाने को लेकर स्थानीय निवासियों, दुकानदारों तथा रेल प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति दो माह पूर्व ही बन गयी थी। अक्टूबर माह में रेलवे द्वारा स्टेशन के पूर्वी हिस्से से दुकानदारों को अपनी दुकानें हटाने को लेकर नोटिस जारी किया गया था। धरना और विरोध प्रदर्शन के बाद रेलवे ने अतिक्रमण हटाने को लेकर छठ तक की मोहलत दी थी। लेकिन इसी बीच रेलवे द्वारा दिए गए समय के बीच ही अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर दिया गया। दुकानों सहित वर्षो से रेलवे की जमीन पर रह रहे लोगों की झोपड़ियों को भी तोड़ा गया। स्थानीय लोगों के समर्थन में पूर्व मंत्री डा. रामप्रकाश महतो ने रेलवे के इस कार्रवाई के विरोध में मोर्चा खोल दिया। उनके नेतृत्व में एक माह पूर्व स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए सड़क जाम भी किया। लाव लश्कर के साथ पहुंचे रेलवे के अधिकारियों को इससे पूर्व भी तीन बार बैरंग वापस लौटना पड़ा। इस पूरे प्रकरण में रेल प्रशासन द्वारा अदूरदर्शिता का ही परिचय दिया गया। बिना स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सूचना दिए अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की गयी। रेल क्षेत्र के दुकादारों एवं स्थानीय लोगों को वैकल्पिक जगह दिए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए जाने से लोगों में आक्रोश पनपने लगा। रेल क्षेत्र में घर बनाकर रह रहे लोगों में अधिकांश रेलवे के सफाईकर्मी एवं चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत कर्मचारी हैं। वहीं सीमांकन के नाम पर दीवार बनाए जाने से रास्ता बंद हो जाने को लेकर भी लोग गुस्से में थे। लेकिन मिल बैठ कर समस्या का समाधान निकालने की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी। जिसका परिणाम गुरूवार को देखने को मिला। स्थानीय लोगों एवं रेलवे के बीच स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुयी है। रेल प्रशासन किसी भी कीमत पर अतिक्रमण हटाने पर अड़ा हुआ है। वहीं स्थानीय लोग इसके विरोध में एकजुट नजर आ रहे हैं।


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