लीड= ..तो दफन ही रह जाएगा घोटालों का राज
तौफिक आलम, संवाद सूत्र, फलका, (कटिहार) :फलका प्रखंड में सरकारी योजनाओं में कई घोटाले सामने आये हैं।
तौफिक आलम, संवाद सूत्र, फलका, (कटिहार) :फलका प्रखंड में सरकारी योजनाओं में कई घोटाले सामने आये हैं। उनकी जांच के आदेश भी दिये गये, लेकिन उसका राज दफन ही रह गया। फलाफल घोटालों के आरोपियों की सेहत पर कोई असर ही नहीं पड़ा। इस स्थिति के चलते अब प्रशासन की भूमिका पर स्थानीय प्रतिनिधि भी सवाल उठाने लगे हैं।
चाहे शौचालय निर्माण में घोटाला हो, स्वयं सहायता सब्सिडी का घोटाला हो या फिर पैक्स धान घोटाला हो। किसी भी मामले में अभी तक कड़ी कार्रवाई सामने नहीं आयी है।
कौन-कौन घोटाले हुये उजागर
1-दिसंबर 2013 में शौचालय निर्माण में घोटाला सामने आया। पीएचईडी द्वारा मनरेगा के तहत पूर्व के लाभान्वित लोगों की सूची उपलब्ध कराने पर यह बात सामने आयी। इसमें मुदरें के लिए भी शौचालय बनवाने का खुलासा हुआ था। जिसमें जिला स्तरीय पदाधिकारियों की जाच टीम भी गठित हुई, लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी गठित जाच टीम ने अभी तक जाच भी शुरू नहीं की है।
2- स्वयं सहायता सब्सिडी घोटाला का राज इसी वर्ष खुला। जिसमें समूह को कागज पर चलाकर सब्सिडी का लाखों रूपये निकासी कर बैंक कर्मी और विभागीय पदाधिकारी व बिचौलिया ने आपस में राशि का बंदरबाट किया। इस संबंध में समूह सदस्यों ने थाना में प्राथमिकी दर्ज भी कराई थी। एक बिचौलिया को जेल भी जाना पड़ा था। पर इसके अन्य दोषी के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा।
3- घोटाले का तीसरा मामला हाल में सामने आया है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में फलका प्रखंड पैक्स बेस गोदाम से 60 लाख रुपये का धान खुले बाजार में बेच दिया गया। जिसमें जिला पदाधिकारी ने फलका बीएओ नकुल प्रसाद और सहायक राजीव अंबष्ठ से स्पष्टीकरण भी मांगा है। लेकिन उसके बाद की कार्रवाई अभी तक नहीं हो पायी है।
क्या कहते हैं स्थानीय प्रतिनिधि
मामले में जिला पार्षद नीरज यादव, सोहथा दक्षिण के पूर्व मुखिया अब्दुल जब्बार व मुखिया संघ की अध्यक्ष सावित्री देवी, गोविंदपुर की मुखिया मधु देवी, सरपंच लक्ष्मी देवी आदि ने कहा कि इन घोटालों के परिप्रेक्ष्य में अब तक कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। परंतु यह स्थिति घोटालेबाजों का मनोबल बढ़ा रही है।