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नामांतरण में देरी पर नपेंगे अंचलाधिकारी

खास बातें.. -तय समय सीमा के भीतर दाखिल खारिज नहीं होने पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 05:33 PM (IST)
नामांतरण में देरी पर नपेंगे अंचलाधिकारी

खास बातें..

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-तय समय सीमा के भीतर दाखिल खारिज नहीं होने पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

-सभी राजस्व हल्का में लगाए जाऐंगे शिविर

-नवंबर से मार्च माह के बीच माह के दूसरे व चौथे मंगलवार को लगेगा शिविर

-शिविर की कराई जाएगी वीडियोग्राफी

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कोट:-

जिले के विभिन्न राजस्व हल्का में दाखिल खारिज एवं भूमि विवाद के निष्पादन को लेकर जिला पदाधिकारी ने शिविर लगाने की तिथि निर्धारित की है। नामांतरण जैसे मामले में अनावश्यक विलंब होने पर संबंधित सीओ एवं हल्का कर्मचारी के विरूद्ध कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।

अशोक झा, अपर समाहर्ता, कटिहार

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संवाद सूत्र, कटिहार: तय समय सीमा के भीतर नामांतरण का निष्पादन नहीं होने की स्थिति में संबंधित अंचल पदाधिकारियों व हल्का कर्मचारियों के विरूद्ध दस्तावेज को साक्ष्य मानकर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला पदाधिकारी ने सभी राजस्व हल्का में इसको लेकर नवंबर एवं मार्च माह के बीच हर महीने के दूसरे एवं चौथे मंगलवार को शिविर न्यायालय लगाने का निर्देश सभी अंचल पदाधिकारियों एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता को दिया है। आयोजित होने वाले शिविर की वीडियोग्राफी भी करायी जाएगी। शिविर की सीडी सभी अंचल कार्यालय में संरक्षित रखी जाएगी। दाखिल खारिज को लेकर आने वाले आवेदन को 18 दिन के भीतर निष्पादित किया जाना अनिवार्य है। किसी तरह के विवाद की स्थिति में नोटिस जारी कर दोनों पक्षों की सुनवायी कर दो माह के भीतर निष्पादन करना अनिवार्य है। यह समय सीमा बीतने के बाद भी नामांतरण का आवेदन निष्पादित नहीं होने पर संबंधित सीओ को दोषी माना जाएगा। हल्का में लगने वाले शिविर में पुराने रैयत के स्थान पर वर्तमान हकधारी एवं क्रेता का नाम दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया है। शिविर में बेदखली, सरकारी एवं निजी भूमि विवादों में स्थानीय स्तर पर निराकरण की दिशा में कारगर कदम उठाने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है। भू हदबंदी अधिनियम के तहत अर्जित अधिशेष भूमि की पहचान तथा वितरण की दिशा में भी आवश्यक कार्रवाई शिविर के माध्यम से की जाएगी। शिविर के माध्यम से महादलित एवं अन्य सुयोग्य लाभुकों के साथ बासगीत परियोजना से गैर मजरूआ मालिक एवं खास भूमि की नियमानुसार बंदोबस्ती भी की जाएगी। जिला पदाधिकारी ने दाखिल खारिज के मामले में अभियान चलाकर पारदर्शिता के साथ बेदखली के मामलों की पहचान एवं महादलित एवं अभिवंचित परिवारों की पहचान करने का भी निर्देश दिया गया है। जिले में राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा करने एवं दाखिल खारिज के मामले में बेवजह देरी किए जाने की शिकायत को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।


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