बंगाल की थाली में सज रहे गरीबों के निवाले
खास बातें--- -पीडीएस के अनाजों की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी -अमदाबाद है कारोबार का ट्रांजिट प्
खास बातें---
-पीडीएस के अनाजों की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी
-अमदाबाद है कारोबार का ट्रांजिट प्वाइंट
-तय रूट चार्ट का उपयोग करते हैं धंधेबाज
-बंगाल के मथुरापुर बाजार में बिकता है कालाबाजारी का अनाज
-डीलरों व एसएफसी की मिली भगत से चलता है धंधा
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संवाद सूत्र, कटिहार : जिले में जनवितरण प्रणाली के अनाजों की कालाबाजारी पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के बाजारों तक की जा रही हैं। इतना ही नहीं एमडीएम सहित अन्य योजनाओं के अनाज भी आराम से कालाबाजार तक पहुंच रहे हैं। जिले का अमदाबाद प्रखंड कालाबाजारी के अनाजों का गेट वे बनता जा रहा है। अनाजों की कालाबाजारी करने वाले धंधेबाज एक खास रूट चार्ट का भी इस्तेमाल करते हैं।
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मिलीभगत से फल-फूल रहा धंधा
डीलरों व एसएफसी की मिलीभगत से इस काले कारोबार को आसानी से अंजाम दिया जाता है। एक बड़े रैकेट की इसमें संलिप्तता है। हाल ही में जिले के कोढ़ा, अमदाबाद व कदवा प्रखंड में बंगाल के बाजारों में कालाबाजारी के लिए ले जाए जा रहे चावल एवं गेंहू की बरामदगी भी की गयी है।
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पकड़ में आ चुके हैं कई मामले
पांच दिन पूर्व अमदाबाद में कालाबाजारी के दो ट्रैक्टर चावल को जब्त किया गया था। यह अनाज भोलामारी घाट से बंगाल भेजे जाने की योजना थी। इस मामले में अमदाबाद थाने में संबंधित डीलर के विरूद्ध मामला भी दर्ज किया गया। कुछ माह पूर्व भी अमदाबाद के एक व्यवसायी के गोदाम में छापामारी कर कालाबाजारी के अनाजों की बरामदगी की गयी थी। अनाज की कालाबाजारी को लेकर अमदाबाद में एक डीलर की अनुज्ञप्ति भी रद कर दी गयी। वहीं कोढ़ा थाना क्षेत्र में हाल ही में बंगाल भेजे जा रहे तीन सौ क्विंटल अनाज की बरामदगी की गयी थी। पिछले एक वर्ष में कदवा प्रखंड में पीडीएस एवं एमडीएम के अनाजों की कालाबाजारी के करीब एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं।
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शातिराना अंदाज में खेला जाता है खेल
डीलरों द्वारा एसएफसी से सांठ गांठ के कारण समय पर अनाजों का उठाव नहीं किया जाता है। वहीं दो से तीन महीने का अनाज एक बार उठाव किया जाता है। ग्रामीण लाभुकों को अनाज उठाव नहीं होने की बात कही जाती है। तीन महीने के बदले लाभुकों को एक माह का ही अनाज दिया जाता है। शेष बचे दो महीने का अनाज आसानी से कालाबाजार तक पहुंचाए जाता हैं। जानकारी के मुताबिक एसएफसी से शाम के वक्त जान बूझकर अनाजों का उठाव किया जाता है।
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नदी के रास्ते बंगाल भेजा जाता है अनाज
अमदाबाद के भोलामारी घाट, कमरूद्दीन घाट, गोबरा घाट एवं मायापुरी घाट से नाव के सहारे कालाबाजारी का अनाज बंगाल के मथुरापुर हाट तक पहुंचाया जाता है। पांच दिन पूर्व अमदाबाद में तय रूट चार्ट से भटक जाने के कारण कालाबाजारी के अनाज की बरामदगी संदेह के आधार पर ग्रामीणों की सूचना पर हुयी थी। अनाज के कालाबाजारियों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त रूख अपनाया है।