शिविर में किसानों को दी जानकारी
संवाद सूत्र, समेली (कटिहार) : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कृषि विकास योजना अंतर्गत श्रीविधि धान प्रत्यक्षण क्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। चार पंचायतों में पश्चिमी चांदपुर के नरैहिया में मलहरिया, डुमर, छोहार में पंचायत शिविर लगाकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रदीप झा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार सिंह व अजय कुमार दास के द्वारा किसानों को धान की खेती के बारे में प्रमुख कीट एवं रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तना छेदक, भूरा तना, मधुआ कीट यह कीट पौधे में लगने से गम्भा सूख जाता है। बाद में बालियां सफेद हो जाती है। तना के निरंतर रस चूसते रहता है। बाद में पीला हो जाता है। इसे बचने के लिए खेत में 8-10 फेरोमौन ट्रेप तथा कार्बरिल 50 घुलनशील चूर्ण या ऐसीफेट 75 घुलनशील चूर्ण का एक ग्राम प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर पौधे के आधार भाग पर छिड़काव करने से यह रोग दूर हो सकता है। इस अवसर पर किसान श्री विनोद कुमार मंडल ने धान की खेती के लिए सर्वप्रथम मिट्टी का जांच कृषि विज्ञान केंद्र में 35 रुपये का रसीद कटा कर करा ले ताकि उससे यह पता चल जाएगा की मिट्टी में उर्वरा शक्ति कितनी है। मौके पर कृषि समन्वयक रामकुमार सिंह, फूल चंद, किसान सलाहकार गणेश साह, सुनील शर्मा, सुमन कुमार झा, गणेश कुमार, नंदनराज सहित बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।