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सरकारी चावल हजम कर गए राइस मिल

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 07:56 PM (IST)
सरकारी चावल हजम कर गए राइस मिल

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- 14.8 करोड़ का चावल तैयार करने के लिये बंगाल के तीन मिलरों को कटिहार से मिला था धान

- चावल आपूर्ति करने की नोटिस का भी मिलरों ने नहीं लिया कोई संज्ञान

- बंगाल के उतरी दिनाजपुर जिले के टुन्नी दिग्घी के तीनों मिलरों के खिलाफ दर्ज हुआ सर्टिफिकेट केस

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कोट के लिये

बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा बंगाल के तीन मिलरों को चावल तैयार करने का आदेश दिया गया था। मगर इन राइस मिलों द्वारा निर्धारित समय सीमा में चावल की आपूर्ति नहीं की गयी। चावल आपूर्ति नहीं करने वाले मिलरों के खिलाफ राशि वसूल करने के लिये कड़ी कार्रवाई की जा रही है। : प्रकाश कुमार डीएम कटिहार

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राजीव कुमार ,कटिहार, जा. सं:

कटिहार जिले में किसानों से खरीदे गये धान से चावल तैयार करने का जिम्मा जिन तीन राइस मिलों को सौंपा गया था। वे ही इस चावल को हजम कर गये। इन राइस मिलों को वित्तीय वर्ष 2012-13 में चावल तैयार करने का जिम्मा बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक द्वारा सौंपा गया था। मगर एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इनके द्वारा चावल की आपूर्ति नहीं की गयी। इन तीन राइस मिलों द्वारा 14.80 करोड़ रूपये के 66 हजार क्विंटल सरकारी चावल की चपत लगाई गयी है। चावल आपूर्ति नहीं करने के बाद इन तीन मिलरों के ्खिलाफ नोटिस भी भेजी गयी लेकिन उनके द्वारा इस नोटिस का कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जिसके बाद तीनों मिलरों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस का मामला दायर करा दिया गया।

कटिहार के बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक मो. बलगउद्दीन ने बताया की बकाये चावल की आपूर्ति नहीं करने वाले तीन मिलरों के खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर कर बकाये राशि को वसूल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

कटिहार जिले में वर्ष 2012-13 में पैक्स के माध्यम से किसानों से खरीदे गये धान से चावल तैयार करने का जिम्मा पांच राइस मिलरों को दिया गया। मगर किसी भी राइस मिल ने समय पर चावल की आपूर्ति नहीं की जिस कारण निर्धारित समय सीमा में तैयार चावल भारतीय खाद्य निगम को नहीं उपलब्ध कराया जा सका। इन पांच राइस मिलों में दो राइस मिल कटिहार जिले के स्थानीय थे जबकि तीन राइस मिल बंगाल के उतरीदिनाजपुर जिले के टुन्नी दिग्घी के थे। चावल आपूर्ति नहीं करने के बाद जिले के दो स्थानीय मिलरों ने चावल के बकाये पैसे का भुगतान नोटिस के बाद कर दिया मगर बंगाल के तीन राइस मिल पूरी राशि हजम कर गये। इसमें से मेसर्स बालाजी राइस मिल टुन्नाी दिग्घी के पास 11 हजार 479 क्विंटल चावल बकाया है जिसकी कीमत 2 करोड़ 46 लाख 79 हजार 312 रूपये हैं। इसके अलावा मेसर्स शांति राइस मिल के पास 41 हजार 384 क्विंटल चावल बकाया है जिसकी कीमत 8 करोड़ 96 लाख 19 हजार 882 रूपये हैं। वहीं तीसरे राइस मिल मेसर्स संतोषी राइस मिल के पास 12 हजार 250 क्विंटल बकाया है जिसकी कीमत 2 करोड़ 65 लाख 28 हजार हैं। चावल तैयार करने वाले राइस मिलों को यह चावल नवम्बर 2013 तक हर हाल में आपूर्ति कर देनी थी लेकिन कई बार स्मारित करने के बाद भी इन मिल संचालकों द्वारा चावल की आपूर्ति नहीं की गयी।

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2011-12 में भी दो राइस मिल लगा चुके हैं दो करोड़ की चपत

कटिहार जिले में दो राइस मिलों द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 में भी दो करोड़ के सरकारी चावल की चपत लगाई जा चुकी है। इन दोनों राइस मिलों के खिलाफ विभाग द्वारा पहले तो नीलाम पत्र वाद फिर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा चुकी है।

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बंगाल के राइस मिलों को कैसे मिला आदेश होगी जांच: एमडी

कटिहार जिले में बंगाल के तीन राइस ्िमलों से चावल तैयार करने का आदेश कैसे दिया गया इसकी जांच कराई जायेगी। ये बातें बिहार राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक अरविंद चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जायेगी कि कटिहार के अलावा जब दूसरे राज्य के राइस मिलों को चावल तैयार करने का आदेश दिया जा रहा था तो इसकी अनुमति राज्य मुख्यालय स्तर के अधिकारियों से ली गयी है या नहीं। अगर बिना अनुमति के आदेश दिया गया है तो इसके लिये दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।


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