नाला निर्माण में बरती जा रही अनियमितता, डीएम ने मांगी रिपोर्ट
नगर क्षेत्र में कराए जा रहे नाला निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है।
कैमूर। नगर क्षेत्र में कराए जा रहे नाला निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है। नप सभापति द्वारा यह मामला मंगलवार को जिलाधिकारी के साथ हुए नगर सौंदर्यीकरण को ले बुलाई गई बैठक में उठाया गया। जिसे ले डीएम ने पूरे मामले की लिखित रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि नगर में नाली के पानी के निकासी की समस्या से निजात दिलाने को ले कर गत वर्ष ही नगर परिषद भभुआ द्वारा नगर विकास विभाग को भगवानपुर पथ में कंचन नगर से पटेल चौक तक, चकबंदी रोड से कैमूर स्तम्भ तक तथा बस स्टैंड अखलासपुर से ले कर बबुरा तक तीन बड़े नालों के निर्माण कराने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिस आलोक में प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद निविदा निकाली गई थी। फिलहाल पिछले दो माह से नाला निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सभापति जैनेंद्र आर्य ने बताया कि नाला निर्माण में अनियमितता की शिकायत नागरिकों द्वारा की गई थी। जिसे ले कर नालों का निरीक्षण व जांच किया गया। जिसमें जुड़ाई के लिए प्रयोग किए जा रहे मसाले में सीमेंट की मात्रा कम होने, 10 एमएम के छड़ के जगह आठ एमएम का छड़ प्रयोग करने, नाले के ऊपर बनाए जा रहे स्लैब की मोटाई आठ से दस इंच के जगह पर तीन से चार इंच करने आदि का मामला प्रकाश में आया। जांच के क्रम में निर्माण स्थल पर प्रयोग किए जा रहे सामानों आदि की जांच के साथ उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई गई। उन्होंने बताया कि इस मामले को मंगलवार को डीएम के साथ हुए बैठक में भी रखा गया। जिसके बाद डीएम द्वारा पूरे मामले की लिखित रिपोर्ट मांगी गई है। जिसे तैयार करा के नप के कार्यपालक पदाधिकारी को भेजा जा रहा है। जहां से उनके माध्यम से यह रिपोर्ट डीएम को भेजा जाएगा।
अनियमितता के बावजूद किया गया भुगतान
संवाद सहयोगी, भभुआ कैमूर:
नगर में कराए जा रहे नाला निर्माण में अनियमितता के बावजूद भुगतान किए जाने का आरोप नप सभापति द्वारा लगाया गया है।बता दें कि नाला नंबर एक कंचन नगर से पटेल चौक तक 71 लाख, नाला नंबर दो चकबंदी रोड से कैमूर स्तम्भ तक एक करोड़ 88 लाख तथा नाला नंबर तीन बस स्टैंड से ले कर बबुरा तक एक करोड़ 20 लाख के लागत से बनाया जा रहा है।
इस संबंध में नगर सभापति ने बताया कि प्राकक्लन के अनुसार नहीं बनाए जा रहे नाले के बावजूद नाला नंबर एक पर 11 लाख रूपये , नाला नंबर दो पर 22 लाख रूपये तथा नाला नंबर तीन पर आठ लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। जबकि इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ ¨सह का कहना है कि एकरारनामा के अनुसार प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रस्तुत किए गए विपत्र पर भुगतान किया गया है।