विद्यालयों में जंगली लकड़ी का उपयोग करना पड़ेगा महंगा
इन दिनों बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वन विभाग अपनी पूरी ताकत लगाने को तैयार है।
कैमूर। इन दिनों बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वन विभाग अपनी पूरी ताकत लगाने को तैयार है। इस संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी शशि भूषण प्रसाद ने बताया कि देश में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वन विभाग नए पौधे लगवाने व वन के वृक्षों की कटाई पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने बताया कि जिले के कई सरकारी विद्यालयों में सरकार द्वारा मिले गैस सिलेंडर का उपयोग न करके एमडीएम संचालक जंगल की अवैध लकड़ियों का उपयोग करते हैं। एमडीएम संचालक द्वारा जंगल की काटी गई लकड़ी खरीदने से जंगल काटने वाले लकड़हारों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। वैसे एमडीएम संचालक पर कार्यवाही होगी, जिनके विद्यालय में जंगल की लकड़ी जांच के दौरान पकड़ी जाएगी। लोगों का कहना है कि जंगल की अवैध लकड़ियां खरीदने वाले विद्यालय के एमडीएम संचालक ईंट भट्ठा संचालन वह बड़े-बड़े मिठाई के दुकानदार भी शामिल है। स्थानीय लोगों की बात मानी जाए तो जंगल के दस किमी की परिधि में कोई भी अच्छे वृक्ष नहीं बचे हैं केवल झाड़ी बची है। होटलों से विद्यालय तक में खाना बनाने में लकड़ी का प्रयोग इसका कारण है।