पड़ोसी की दीवार गिरने से दो बच्चे घायल
कैमूर। जर्जर दीवार गिरने से शुक्रवार दोपहर मोहनियां के दादर गांव में दो मासूम बुरी तरह घाय
कैमूर। जर्जर दीवार गिरने से शुक्रवार दोपहर मोहनियां के दादर गांव में दो मासूम बुरी तरह घायल हो गए। जब पड़ोसी राम बाबू कुशवाहा की दीवार मुन्ना यादव के आंगन में गिरी। जिससे मुन्ना यादव की छह वर्षीय पुत्री काजल एवं चार वर्षीय पुत्र विकास घायल हो गये। काजल के बायें हाथ एवं विकास के बायें पैर की हड्डी टूट गई है। गरीबी से बेजार मुन्ना यादव व पत्नी अष्टमी देवी, घायल बच्चों को लेकर इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल मोहनियां पहुंचे। घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी खुर्शीद अनवर सिद्दीकी व बीडीओ अरूण सिंह अस्पताल पहुंचे। परिजनों से घायल बच्चों के स्थिति की जानकारी ली। अस्पताल के उपाधीक्षक डा. एस सी लाल व प्रबंधक तारकेश्वर उपाध्याय को मुस्तैदी से इलाज करने का निर्देश दिया। मुन्ना यादव की पत्नी अष्टमी देवी ने बताया कि बच्चे बगल के घर में सब्जी मांगने जा रहे थे। तभी राम बाबू कुशवाहा की दीवार आंगन में गिर पड़ी। जिससे दोनों बच्चे घायल हो गये। विकास की हालत गंभीर है। बताया कि वे लोग चार माह से राम बाबू को जर्जर दीवार को तोड़ने के लिए कह रहे थे। लेकिन उन्होंने इस पर विचार नहीं किया। मिट्टी की जर्जर दीवार तोड़ दी गई होती तो यह हादसा नहीं होता। ग्रामीणों ने बताया कि मुन्ना यादव की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। परिवार को दो जून की रोटी भी मुश्किल से मिलती है। बीडीओ अरूण सिंह ने कहा कि दादर के हल्का कर्मचारी को घटना स्थल पर भेजा गया है। मुन्ना यादव को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। पंचायत के मुखिया भी इलाज में सहयोग कर रही हैं।
खता किसी की सजा किसी को
भभुआ: जिले में जर्जर दीवार गिरने से लोगों के हताहत होने का सिलसिला जारी है। हाल के महीनों में जर्जर दिवार गिरने से कई की मौत हो गयी, तो कई घायल भी हुए हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में एक अजीब पक्ष यह हैं कि अपने घर की नहीं बल्कि पड़ोसी के घर की दीवार गिरने से लोग हताहत ही नहीं हुए बल्कि जान से भी हाथ धो बैठे हैं।
भभुआ नगर के वार्ड 14 के दलित बस्ती में गत मार्च में पड़ोसी के छज्जा गिर जाने से चार लोगों की मौत हो गयी थी। दो दिन पूर्व भी इसी बस्ती में पड़ोसी की दीवार गिरने से एक बच्ची बुरी तरह घायल हो गयी। मनीहारी गांव में गत माह पड़ोसी की गिरे दीवार की चपेट में आ जाने से एक बच्ची की मौत हो गयी थी। अब शुक्रवार को दादर गांव में भी पड़ोसी के गिरे दीवार की जद में आ दो बच्चे घायल हो गए। चांद प्रखंड के गेहुआं गांव में भी गांव के रास्ते में दूसरे के मकान की दीवार गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गयी थी।
वैसे जानकार मानते हैं कि इन घटनाओं में प्रशासन भी कहीं ना कहीं दोषी है। जर्जर दीवारों के गिरने से हो रही घटनाओं से प्रशासन सबक नहीं ले रहा है, जिस कारण घटनाओं का सिलसिला जारी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने पूर्व में ही सभी अंचलाधिकारियों नगर परिषद व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि संबंधित पदाधिकारी अपने क्षेत्र में जर्जर मकानों को चिन्हित कर उसे ध्वस्त कराएं जिससे संभावित घटनाओं को टाला जा सके, परंतु अबतक जर्जर मकानों को चिंहित नहीं किया गया है।