नहर में नहीं आया पानी, बिचड़ा डालने को ले बढ़ी परेशानी
कैमूर। इस वर्ष किसानों को धान के बिचड़े डालने में परेशानी उठानी पड़ रही है। जून माह
कैमूर। इस वर्ष किसानों को धान के बिचड़े डालने में परेशानी उठानी पड़ रही है। जून माह बीतने को है लेकिन नहरों में एक बूंद पानी नहीं आ सका। पानी नहीं आने की स्थिति में बहुतेरे किसान अब भी धान के बिचड़े नहीं डाल सके। जिन किसानों द्वारा बीज डाला गया है उनके बीज पानी के अभाव में सूखने लगे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में दरार पड़ते देख किसानों के होश उड़ गये हैं। बारिश के इस आषाढ़ महीने में निकल रही तीखी धूप से किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। भदई फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। भटौली के किसान मोहन सिंह कुशवाहा, जमुरना के शैलेन्द्र सिंह, गोड़सरा के योगेन्द्र सिंह आदि लोगों ने बताया कि अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हो सकी। जिसके चलते भदई फसल उड़द, रहर, जिन्होंरी, बाजरा, मूंग आदि फसल की बुआई प्रभावित है। कुछ दिनों तक मौसम इसी तरह रहा तो इन फसलों की मात्र 20 प्रतिशत ही बुआई किसान कर पायेंगे। बारिश नहीं हुई तो नहरों में भी अकाल पड़ गया है। 30 मई तक सभी नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने का प्रशासन दावा भी विफल हो गया है। तय तिथि से एक माह अधिक समय बीत गया पर लक्ष्मीपुर व भोखरी माइनर में पानी नहीं आ सका। नदी भी सूखी हुई है। चारो तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इस बावत कनीय अभियंता अखिलेश मिश्रा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पानी की कमी है। जिसके चलते नहरों में पानी नहीं आ सका है।