Move to Jagran APP

सरकारी स्कूलों में पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई पूरी कराने की चल रही कवायद

जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित है,

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 03:09 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 03:09 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई पूरी कराने की चल रही कवायद
सरकारी स्कूलों में पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई पूरी कराने की चल रही कवायद

कैमूर। जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई बिना किताबों के सहारे हो रही है। वहीं कुछ बच्चों को फटी पुरानी किताबें मिली है। जिससे वह अपनी पढ़ाई को पूरी कर रहे है। चालू शिक्षा सत्र के लगभग साढ़े तीन माह बीत गए अगले दो माह में प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की छमाही मूल्यांकन परीक्षा प्रारंभ होने वाली है। जिसकी तैयारी विभाग ने अभी से शुरू कर दी है। लेकिन जिले में अधिकतर प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को नई किताब तो दूर पुरानी किताब भी नसीब नहीं हुई है। ऐसे हालात में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा संबधी सरकार की योजना अब हर किसी के गले नहीं उतर रही है।

loksabha election banner

लोगों की माने सरकारी विद्यालयों में शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद ही बच्चों को पाठ्य-पुस्तके ही मिल पाती है, लेकिन इस वर्ष के शिक्षा सत्र में काफी लम्बा समय बीत जाने के बाद भी अब तक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे को पुस्तकें नहीं मिल सकी है। जिले के किसी प्राइमरी वर्ग के विद्यालय में पिछले दो शैक्षणिक सत्र से किताबों की समस्या बरकार है। पिछले साल भी यह समस्या सामने आई थी। लोगों का कहना है कि सरकार की गुणवता पूर्ण शिक्षा की बात सिर्फ सरकारी फाइलों में ही घूम रही है।

सर्व शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा पुरानी किताबों को लौटाकर बच्चे के बीच बांटने का निर्देश दिया गया था। अब तक केवल 40 फीसदी ही पुस्तकें ही लौटाई गई है। उसमें से अधिकतर पुस्तकें फटी हुई है। इस वर्ष विभाग ने जिले के लिए साढ़े तीन लाख पुस्तकों की मांग की थी, लेकिन राज्य स्तर पर पुस्तकों की छपाई नहीं होने के कारण किताबें अब नहीं मिल सकी है। किताबों के बारे में कुछ बताने में पदाधिकारी कतरा रहे है।

----------------

कोट-----

राज्य सरकार के पास किताबों की मांग सूची को भेजा गया है। राज्य मुख्यालय से पुस्तकों के प्राप्त होते ही वितरण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

यदुवंश राम

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.