दहेज हत्या पति को दस वर्ष सश्रम कारावास
जिले के फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश ओम प्रकाश ¨सह की अदालत ने विवाहिता।
कैमूर। जिले के फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश ओम प्रकाश ¨सह की अदालत ने विवाहिता की दहेज के लिए जला कर हत्या करने के मामले में पति चांद के मनीष पांडेय को दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही बीस हजार अर्थ दंड भी लगाया गया। न्यायालय ने दोषी पति को धारा 304 बी के अंतर्गत के साथ धारा 498 ए में दो वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार अर्थ दंड के साथ-साथ थ्री डीपी एक्ट में पांच वर्ष सश्रम कारावास व 15 हजार अर्थ दंड तथा फोर डीपी एक्ट में छह माह की सजा व दस हजार अर्थ दंड जमा करने का आदेश दिया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। समस्त दंड की राशि सूचक को दी जाएगी। अपर लोक अभियोजक त्रिभुवन पांडेय ने बताया कि सूचक भभुआ नगर के वार्ड तीन निवासी राम वचन पांडेय के पुत्र संजीव कुमार ने थाना में दर्ज मामले में बयान दिया है कि उन्होंने अपनी बहन संगीता का विवाह 12 मई 1999 को करूणाकांत पांडेय के पुत्र मनीष पांडेय के साथ किया था। साथ में उपहार स्वरूप एक लाख 51 हजार नकद व दो लाख का सामान भी दिया। लेकिन फ्रीज व वीसीआर के लिए चालीस हजार दहेज की मांग को ले संगीता को आए दिन ससुराल के लोग दहेज के प्रताड़ित कर रहे थे। दहेज न मिलने पर 16 दिसम्बर 2000 को रात्रि में संगीता के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर उसे जला दिया गया। एक माह तक बीएचयू में संगीता ¨जदगी और मौत से जूझती रही, 29 जनवरी 2003 को इलाज के दौरान संगीता की मौत हो गई। मामला विचारण के दौरान विद्वान न्यायाधीश ने पति मनोज पांडेय को पत्नी की हत्या करने का दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा सुनाई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजीत कुमार थे।