सांसद आदर्श ग्राम को मुंह चिढ़ा रही जर्जर सड़क
कैमूर। रामगढ़ प्रखंड के बड़ौरा पंचायत को आदर्श ग्राम बनाने के लिए भले ही सांसद आदर्श गां
कैमूर। रामगढ़ प्रखंड के बड़ौरा पंचायत को आदर्श ग्राम बनाने के लिए भले ही सांसद आदर्श गांव के रूप में चयनित किया गया है लेकिन जब से यह गांव सांसद आदर्श गांव के रूप में चयनित हुआ है तब से यहां विकास के मोर्चे पर स्थिति और खराब हो गयी है। इस गांव का हाल ज्यों का त्यों बना हुआ है। गांव के अंदर जाने पर आदर्श गांव की पहचान की झलक जरूर दिखाई देगी। मगर बाहर निकलते ही जर्जर सड़क मुंह चिढ़ाती नजर आती है। रामगढ़-बड़ौरा पथ ने आदर्श ग्राम की पहचान को फीका कर दिया है।
ज्ञात हो गांव में रहने वाले हर व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नौ माह पहले हर घरों में डोर टू डोर सर्वे कराया गया। तत्कालीन डीएम प्रभाकर झा ने सभी अधिकारियों के साथ गांव में चौपाल लगाकर सांसद द्वारा चयनित योजनाओं को बड़ौरा में लागू करने का फरमान जारी किया गया। तब लगा कि इस पथ के साथ-साथ गांव में बैंक, जलापूर्ति योजना व स्वास्थ्य सुविधा बहाल हो जायेगी। लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। यहीं नहीं दलदल नुमा आठ किलो मीटर लंबाई वाली सड़क को बनाने के लिए भारत सरकार को डीपीआर भेजने की बात कही गई थी। लेकिन सच तो यह है कि इस सड़क का कोई डीपीआर भारत सरकार को नहीं भेजा गया। इसका खुलासा पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा किया गया था। न तो दलदल बन चुके सड़क के गड्ढ़े भरे गये। शौचालय निर्माण के कार्य में भी कोई प्रगति नहीं हुई। जबकि जल मीनार लगाने के लिए बीते दिसम्बर में ही सर्वे कराया गया था। अब तो सांसद आदर्श गांव में बाहर से आने वाले लोग अपने वाहन से आने जाने से कतराने लगे हैं।