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बेस कैंप को ले एसपी ने डीएफओ से मांगा स्थल

अधौरा के दुग्धा जंगल में नक्सली हमले के बाद जिले में प्रशासनिक हलचल तेज है। वन प्रक्षेत्र

By Edited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 03:03 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 03:03 AM (IST)
बेस कैंप को ले एसपी ने डीएफओ से मांगा स्थल
बेस कैंप को ले एसपी ने डीएफओ से मांगा स्थल

कैमूर। अधौरा के दुग्धा जंगल में नक्सली हमले के बाद जिले में प्रशासनिक हलचल तेज है।

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वन प्रक्षेत्र में कराए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य पर हुए नक्सली हमले के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा बेस कैंप को ले जिला वन पदाधिकारी से चिन्हित स्थल का नाम मांगा गया है। जिसे उपयुक्त पाए जाने पर बेस कैंप बनाया जाएगा, साथ ही एक प्लाटून फोर्स की तैनाती भी की जाएगी। इस बाबत एसपी हरप्रीत कौर द्वारा जिला वन पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है।

बता दें कि गत 15 फरवरी को नक्सलियों द्वारा सड़क निर्माण कार्य में लगाए गए वाहनों को जलाने तथा वन कर्मी सहित अन्य के पिटाई को ले कर सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल जिला प्रशासन के स्तर पर शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में एसपी द्वारा घटना के बाद डीएफओ कैमूर को पत्र लिखा गया है।

एसपी ने बताया कि यदि सड़क निर्माण क्षेत्र में वन एवं पर्यावरण विभाग को सुरक्षा की आवश्यक्ता है तो उस स्थान पर दिन में कार्य करें और तीन बजे के बाद सभी कर्मी और निर्माण कार्य में लगे वाहन नजदीक के पिकेट या थाना पर पहुंचा दिए जाएं। जहां नक्सल एस ओ पी के तहत उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर इसके अतिरिक्त अन्य किसी स्थान पर सुरक्षा की आवश्यक्ता है तो विभाग द्वारा चिन्हित स्थल उपलब्ध कराए जाए। चिन्हित स्थान का नक्सल प्रभावित क्षेत्र के मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सुरक्षा अंकेक्षण कराया जाएगा। यदि सुरक्षा स्थल उपयुक्त पाया जाएगा तो वहां बेस कैंप बनाते हुए एक प्लाटून याने 33 बलों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। लेकिन इसके हेतु वन विभाग द्वारा सुरक्षा बलों के आवासन हेतु एक स्थाई बैरक, शौचालय, स्नानागार, किचेन, रोशनी की व्यवस्था अपेक्षित है। साथ ही बेस कैंप के चारों ओर कटीली तारों से घेराबंदी एवं सभी कोना व प्रवेश द्वार पर मोर्चा निर्माण किया जाना भी अपेक्षित होगा।

पत्र में कहा गया है कि बेस कैंप के लिए अधौरा थाना एवं सहायक पुलिस अधीक्षक भभुआ से समन्वय स्थापित कर जगह चिन्हित करें।

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समय घटाने से बढ़ जाएगी लागत

भभुआ: एसपी के तीन बजे तक काम समाप्त करने को ले वन विभाग असहमत है। उनका तर्क है कि इससे काम के घंटों में कमी आ जाएगी। इससे निर्माण अवधि व लागत दोनों में वृद्धि हो जाएगी। साथ ही वन विभाग का तर्क है कि आनन-फानन में बेस कैंप के लिए मानकों के हिसाब से आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना भी संभव नहीं है।

कहते हैं डीएफओ

अगर तीन बजे के बाद निर्माण कार्य बंद करा दिया जाए तो कार्य के घंटों में कमी आ जाएगी। फिर सड़क निर्माण को निर्धारित राशि में पूरा करना संभव नहीं हो पाएगा। वतर्मान स्थिति से निपटने के लिए इतनी जल्दी बेस कैंप के निर्धारित मानकों को पूरा किया जाना संभव नहीं है। वैसे उनके पास अधौरा रेंज में कम से कम बीस सशस्त्र बलों के रहने लायक सुरक्षित स्थल है।


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