दूर की कौड़ी दिख रही फर्जी शिक्षकों से मुक्ति
कैमूर। कुदरा प्रखंड स्थित राजकीय विद्यालयों का फर्जी शिक्षकों से पूरी तरह मुक्त हो पाना फिलहाल दूर क
कैमूर। कुदरा प्रखंड स्थित राजकीय विद्यालयों का फर्जी शिक्षकों से पूरी तरह मुक्त हो पाना फिलहाल दूर की कौड़ी दिख रही है। सरकार द्वारा दो बार मौका दिये जाने के बावजूद प्रखंड में मात्र पांच शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया है। जबकि निगरानी विभाग की जांच में अभी तक प्रखंड में एक भी फर्जी शिक्षक का मामला पकड़ में नहीं आ पाया है। यहां प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त होने के चलते भी फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई में बाधा पहुंच रही है। शिक्षा अधिकारी के नहीं होने के चलते व्याप्त शैक्षणिक अराजकता के माहौल में फर्जी शिक्षक बेखौफ होकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड में जिन फर्जी शिक्षकों ने त्याग पत्र दिया है उनमें एक प्रखंड शिक्षक और चार पंचायत शिक्षक हैं। इनमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय घटेयां के राजेन्द्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय छतौना की अंतिमा कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मेउड़ा की पूनम देवी, प्राथमिक विद्यालय चनवख के महेन्द्र सिंह और प्राथमिक विद्यालय शेखपुरवां की शारदा देवी शामिल हैं। जबकि जानकारी लोगों का कहना है कि यहां बड़ी तादाद में फर्जी शिक्षक सरकारी विद्यालयों में कार्यरत है। विदित हो कि सूबे में राजकीय विद्यालयों को फर्जी शिक्षकों को मुक्त कराने के लिए निगरानी विभाग द्वारा प्रमाण पत्रों की जांच हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है। मामले को लेकर दाखिल की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट गत 17 मई को ही जांच का आदेश दे चुका है। उसके बाद सूबे के अन्य हिस्सों की तरह स्थानीय प्रखंड में फर्जी शिक्षकों को पता लगाने के लिए जांच की कार्रवाई चल रही है। इसके तहत नियोजन इकाईयों द्वारा निगरानी विभाग की टीम को नियोजन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि वे समुचित जांच कर सके। इसी बीच सरकार ने दो बार फर्जी शिक्षकों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने का मौका दिया।