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प्रतिद्वंदी से नहीं व्यवस्था से पटखनी खा रहे पहलवान

कैमूर। राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंदी को तो पटखनी दे रहे हैं परंतु अब इन्हे

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 04:29 PM (IST)
प्रतिद्वंदी से नहीं व्यवस्था से पटखनी खा रहे पहलवान

कैमूर।

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राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंदी को तो पटखनी दे रहे हैं परंतु अब इन्हें व्यवस्था से हार का डर सता रहा है। दुर्गावती प्रखंड के बिछिया व्यायामशाला के पहलवान कुछ इसी मनोदशा से गुजर रहे हैं। दरअसल व्यवस्था की लापरवाही से व्यायामशाला को मिलने वाला सरकारी खर्च गत तीन माह से बंद है। स्वाभाविक हैं कि व्यायामशाला की पूरी व्यवस्था चरमरा रही है।

-17 साल में कई उपलब्धियां:

विदित हो कि प्रखंड के बिछिया गांव में सात नवम्बर 1998 में तत्कालीन सिंचाई मंत्री जगदानंद सिंह के प्रयास से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबडी देवी के द्वारा बिछियां आवासीय व्यायामशाला का उद्घाटन किया गया था। जब कि पांच अगस्त 2010 को तत्कालीन सांस्कृतिक मंत्री रेणु देवी द्वारा व्यायाम शाला को राज्य स्पोटर्स एकेडमिक का दर्जा दिया गया। यहां राज्य भर से पहलवान प्रशिक्षण प्राप्त करने आते हैं। 17 साल के इतिहास में इस व्यायामशाला से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पहलवानों ने कई राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में अपना परचम लहराया है। हाल ही में व्यायामशाला के प्रशिक्षु पहलवान गोपालगंज जिला निवासी दीपक कुमार साहनी औरंगाबाद में सात अप्रैल 2015 को आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चैम्पियन बने हैं।

परंतु वर्तमान में व्यायामशाला संकट के दौर से गुजर रहा है। 24 प्रशिक्षुओं के निर्धारित केन्द्र पर मात्र 15 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसका मूल कारण सरकार के द्वारा व्यायाम शाला के संचालन के लिए प्रतिमाह दी जाने वाली 75 हजार की राशि का तीन माह से बंद होना है। पहलवानों को मिलने वाला पौष्टिक आहार भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। फिलहाल क्षेत्रीय विधायक के सहयोग से प्रशिक्षुओं के भोजन का कार्य उधारी पर चल रहा है।

क्या कहते हैं लोग - बिछिया गाव निवासी सिपाही यादव , फारूख अंसारी, जिला परिषद सदस्य आनन्द कुमार सिंह व नुआव निवासी पप्पू सिंह तथा डुमरी गांव निवासी माशुक खां का कहना है कि सूबे के इस ऐतिहासिक व्यायाम शाला से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई युवा अपनी कुश्ती कला के बल पर सेना व पुलिस में कार्यरत हैं। सरकार की अनदेखी समझ में नहीं आ रही है। प्रोत्साहन देने की जगह सहायता बंद करना कहां का न्याय है।

क्या कहते हैं प्रशिक्षक - बिछियां व्यायामशाला के प्रशिक्षक अजय यादव का कहना है कि वित्तीय सहायता रूकने से प्रशिक्षु पहलवानों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला स्तर पर ट्रायल न होने से 24 की जगह मात्र 15 प्रशिक्षु ही व्यायामशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

क्या कहते विधायक -

इस संबंध में पूछे जाने पर रामगढ़ विधान सभा के राजद विधायक अम्बिका यादव ने कहा कि सरकार की उदासीनता से व्यायामशाला का कार्य प्रभावित हो रहा है। वे इस मुद्दे को विधान सभा में उठा कर सरकार का ध्यान आकृष्ट करेंगें ।

इंसेट

व्यायामशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु

प्रशिक्षु - निवासी

सुमन कुमार - बेतिया

रामू ठाकुर - गोपालगंज

सत्य प्रकाश - रोहतास

मनीष कुमार 1 - कैमूर

मनीष कुमार 2 - कैमूर

मनराज किशोर - कैमूर

मोती यादव - कैमूर

इंदल कुमार - रोहतास

दीपक कुमार साहनी - गोपालगंज

बिट्टू कुमार - बेतिया

कहते हैं खेल पदाधिकारी

बिछियां व्यायामशाला के खर्च की राशि के एलाटमेंट की मांग की गयी है। राशि आते ही व्यायामशाला को उपलब्ध करा दी जाएगी।

आर के चौधरी, जिला खेल पदाधिकारी


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