दावा हाइटेक अस्पताल बनाने का पर दवाएं भी नहीं
संसू रामगढ़ (कैमूर): प्रखंड मुख्यालय स्थित राम मनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल को सभी तरह के अत्याधुनिक
संसू रामगढ़ (कैमूर): प्रखंड मुख्यालय स्थित राम मनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल को सभी तरह के अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की कवायद हो रही है। मगर इस अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी के साथ आवश्यक दवाओं का न होना अस्पताल की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। मौसमी बीमारी , सर्दी जुखाम, बुखार का मौसम प्रारम्भ होने के बाद भी इस मर्ज की कोई दवा अस्पताल में नहीं होने से गरीब ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को चिकित्सक केवल पारासीटामोल दवा देने को मजबूर है। चार माह से अधिक समय से इस अस्पताल में बी कॉम्प्लेक्स व कफ सीरप नहीं होने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। साथ ही बाजार से ऊंचे दामों पर दवाओं को खरीदना पड़ता है। 40 बेड के इस रेफरल अस्पताल सरकारी चिकित्सक के नाम पर एक डाक्टर सुरेन्द्र सिंह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है। इस के अलावा अनुबंध पर एक चिकित्सक सर्जन डा. हीरा सिंह तथा दो आयुष चिकित्सक डा. राम एकबाल पासवान व डा. ज्योत्सिना रानी कार्यरत है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 24 घटे इस रेफरल अस्पताल को चलाने में चिकित्सकों को किस परिस्थिति से गुजरना पड़ता होगा। जबकि प्रतिदिन ओपीडी में दो से तीन चिकित्सकों की ड्यूटी अनिवार्य है। इमरजेंसी व पूरी रात्रि एक चिकित्सा कैसे सेवा देते होंगे। जबकि इस अस्पताल की विधि व्यवस्था को देख केयर इंडिया की टीम ने यहां अच्छी खासी सुविधा बहाल करने की बात कह हाइटेक अस्पताल बनाने का कार्य 6 माह पहले ही प्रारम्भ कर दिया है। कार्य भी चल रहा है। 5 लेबर रूम वातानुकूलित बन रहे है। अप्रैल से पटना व बनारस की तरह अस्पताल में सेवा शुरू करने के लिए केरल से एएनएम के भी पहुंचने की बात बतायी जा रही है। मगर चिकित्सकों के साथ आवश्यक दवाओं की कमी इसी तरह बनी रही तो हाई - फाई अस्पताल बनाने की कवायद पर सवालिया निशान लग सकता है। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 4 माह से कफ सीरप व बी कॉम्प्लेक्स नहीं है। एंटी बायोटिक दवा भी नहीं है। इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय को दे दी गई है।