टावर गिरने से पावर ट्रांसमिशन की गुणवत्ता पर सवाल
संसू कुदरा (कैमूर): थाना क्षेत्र के अवरैयां गांव में तार खीचे जाने के दौरान पावर ट्रांसमिशन का टावर
संसू कुदरा (कैमूर): थाना क्षेत्र के अवरैयां गांव में तार खीचे जाने के दौरान पावर ट्रांसमिशन का टावर गिर जाने से निर्माण कार्य की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। विभागीय अभियंताओं द्वारा इसे सामान्य घटना बताकर पूरे मामले को खारिज करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन स्थानीय किसान इससे आश्वस्त नहीं है। उनके मन में तरह-तरह की आशंकाएं और सवाल उथल पुथल मचाए हुए है।
विदित हो कि गत शुक्रवार को बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड का हाई वोल्टेज टावर कुदरा थाना के अवरैयां गांव में उस समय गिर पड़ा जब उस पर तार खीचा जा रहा था। इस हादसे में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के लखीपुर गांव के चार मजदूरों समेत आधा दर्जन से अधिक मजदूर जख्मी हो गये थे। घायलों में इस्लाम नामक मजदूर की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद अब वह अवरैंया गांव में अपने डेरे पर वापस लौटा है। इसके अलावा रिंकू जानू और वहीदूल नामक मजदूरों को भी काफी चोटे आई थी। गौर करने की बात है कि इन मजदूरों का इलाज समीप के कुदरा, पुसौली या मोहनियां के अस्पतालों में न कराकर रोहतास जिला के सासाराम में एक निजी अस्पताल में कराया गया । स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों को डर था कि समीप के अस्पतालों में घायलों को ले जाने पर बात फैल जायेगी। गौरतलब है कि घटना से एक सप्ताह पूर्व ही बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंधक, निदेशक संजय कुमार सिंह ने समीप के नदोखर गांव का दौरा कर वहां हो रहे ग्रिड और पावर ट्रंासमिशन लाइन के निर्माण का जायजा लिया था। हालांकि ग्रामीणों की माने तो टावर गिरने के बाद उसके कारणों की पड़ताल न कर कंपनी के अधिकारी व ठेकेदार हादसे का साक्ष्य मिटाने में जुट गये। अवरैयां गांव के भागवत प्रसाद सिंह बताते है कि टावर गिरने के बाद रातोंरात उसके फाउंडेशन को खोद निकाला गया । ग्रामीणों को आशंका है कि ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर की जा रही है। उनका आरोप है कि टावर का फाउंडेशन डालने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कपंनी लिमिटेड के सहायक कार्यपालक अभियंता नरेश कुमार ने टावर गिरने की बात को सामान्य घटना बताते हुए कहा कि आंधी तूफान में भी तो टावर गिर जाते है। उन्होंने घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि तार खीचे जाने के दौरान बैलेंस बिगड़ जाने की वजह से टावर गिरा। सच्चाई जो हो हादसे के बाद संदेह व सवालों का उठना लाजिमी है।