मिली थी झलक, अब नहीं होते दर्शन
संस, भभुआ (कैमूर) : अजीब हाल है। किसान तड़प रहे हैं। उनकी तड़प किसी को सुनाई नहीं दे रही है। पंप के सहारे हुई रोपनी किन्तु डीजल अनुदान अब तक नहीं मिला। विकल्प के तौर पर नहर दे सकती थी साथ। लेकिन उसकी भी हालत खराब । बिचड़ा डालने के पूर्व नहर में एक बार पानी की झलक दिखी थी। अब तो इसके भी दर्शन दुर्लभ हो गये हैं। यह हाल है सोन नहर की कसेर वितरणी का। इससे दर्जनों गांव लाभान्वित होते हैं। भगवानपुर प्रखंड के ददरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया उमा शुक्ल बताते हैं कि प्रशासनिक शोर गुल में ही प्रखंड के डीजल अनुदान राशि दब गई है। अनुदान राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ। नहर में पानी बिचड़ा डालने के पहले आया था। लेकिन उसके बाद अब तक पानी के दर्शन भी नहीं हुए है। इस वितरणी से ददरा ,बलिपुर, गोबरक्ष ,भैरोपुर सहित दर्जनों गांवों के करीब 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल सिंचित होते है। बिचड़ा से लेकर रोपनी तक के कार्य डीजल पंप से हुए हैं। लोग बताते हैं कि अब फसल बचाने के लिए रातदिन पंप सेट चलाये जा रहे हैं, लेकिन अब तक अनुदान की राशि का वितरण नहीं हो रहा है। लोग कहते हैं कि अब यही हालत रहा तो घर के बर्तन और जेवरात पर भी शामत आ सकती है। कहीं कहीं तो लोग ब्याज पर रकम लेकर भी पटवन कर रहे हैं।